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________________ घत्ता • पंडुहे अगुरत्त कुँति मुणिवि सा तहो दिण्ण णरेसरेण । तह अवर वि मद्दि णाम तणय किउ विवाह पुगु आयरेण ॥ ३॥ (4) पाण्डव कथा तो भायर परविट्ठिहे तणया धरो दिण्ण पुव्व भणिया पंडु सुउ जेण ण को वि मुणिय पुणु भडचूडामणि भीमसेणु मद्दीहि जणिय वे पुत्त जमल हो पइव धारिया हे जरसंधु णाम परवल चमक्कि एए सयल वि गुणरयणरासि पक्खिमणो रह मद्दियाहे सुय पंच वि पंडव सुक्ख हेउ १०२ चिरु रज्जु करेविणु गुणमहंत सम भाविय सुहदुह सत्तुमित्त घत्ता - पंडुहे पच्छहि दुज्जोहणेण सह महिकारणे करेवि रणु । दाइ हणेवि सुहिपरिसरिय णिय वलेण थिर रज्जे पुणु ॥४॥ (5) गंधारि णाम णवजोव्वणिया । सोहग्गरासि मणसि य मणिया । कुंतीहि जुहिट्ठिल पुत्तु जणिउ । पुणु अणु अरिगणसवण से । णामेण भणिय सहएवणउल । सउ सुयहो जणिउ गंधारियाहे । महिमंडले होंतर अद्धचक्कि । तो अद्धमहि सहोभिच्च आसि । कुंतीहि तिणि दो मद्दियाहे । साहज्ज कर प्पिणु वासुएउ । Jain Education International तर लेवि महीयलि परिभमंत । माणावमाण कय सरिसचित्त । 5 (3) 1. b तणउं, 2.2 पच्छणें, 3 a तहि for तहो, 4.b वासरई, 6.b णिहुअं लुआविय, a rubbs the two letters and writes ण after frg, 7.a लक्खणहि, b छुद्ध, 9a मजूसु, b कत्थविउ सो मंजूसु ताम for आणाविउ etc. . . जाम, b उघाडिय, a omits उग्घाडिय etc.. ताम, 10.a णाउ for णाम, b कण्णुं, lla अउत्तउं, b पंडुहे कणु, a पव्वत्तु, 12.a णरेसरेणा, 13.a आयरेणा । 10 ( 4 ) 1a तह, b तणिय, b जोव्वणिय, 2 b भणिय, b मणिय, 3.a पंडु सोज्जेणि ण को मुणिउ, b मुणिउं, 4a अज्जणु, a सउणिसेणु, 5. b महिय, a सहएउ, b सुयहं, a गंधारियाहे, 7.a जरसिंध, 8.a दो महियाहि, 10.b साहिज्ज, a करेविणु, lla सह, b तणु for रणु । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003672
Book TitleDhammaparikkha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagchandra Jain Bhaskar
PublisherSanmati Research Institute of Indology Nagpur
Publication Year1990
Total Pages312
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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