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ता गुरउ भणइ अवहिय सुणेहु सो कत्थ वि कज्जें जाइ ताम तहि तेण णीर-तारणपवीण चंचल-पिंगल-लोयण-अणिद्ध छिवरणासिय धीवरकुमारि
मुणिवरु पारासरु जो मुणेहु । दिहि य गंगाणइमग्गि ताम । सोहण णारी-लक्खण विहीण । चउ कोस पूइगंधिणि पसिद्ध । तियवेस दिट्ठ णावइ कुमारि।
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घत्ता- णावइ मुणि जाम तारइ तुंगथणत्थ लि । ता हिय वए तासु लग्ग मयणवाणावलि ।।१४।।
(15) णियमह जोयंतहो बार वार ।
मयणग्गि जल इ तहो दुण्णिवार । थरहरइ अंगु वयणु वि ससोसु धुगुधुगइ चित्तु गउ होइ तोसु । इय एम तेण खुहिएण वुत्तु इच्छइ मइँ हउँ तुह मुद्धि रत्तु । मा देउ सा उइयभयवसेण पडिवण्णु ताइ ता तावसेण । तवतेयघणधूमरि करेवि
सा रमिय तेण उव परिहरेवि । सुउ वासु सहिउ मुणि लक्खणेण सुरयावसाणि हुउ तखणेण। जडजूडालंकियउ उत्तमंगु
सियभूइसंग पंडुरियअंग ।। विद्रुममयकुंडल छिट्टगंडु उरे वंभुसुत्तु करे धरिय दंडु । (13) 2.b एयंतु for इय एत्त, a पहिछिद्द, 3.b ताम, 4.b त उ रवउ, a करयल,
b करेवि for धरेवि, 5.b मेल्लंतें भणिउ, 6.a पुत्तें, a एरिसु तुह भवित्ति, 7.a लक्खणाइ for रक्खणाहु, 8.b णामें तहे पिययमहे, b पिययमाहे for णिरुवमाहे, 9.b जाए for जायइ, 10.a सो ववसाणे, a गब्भ, a
चिण्हहि मणहराहि, lla पसूइ, 12.a सयहि जेठ्ठ । (14) 1.b संवछराह, a सक्क for सच्चु, 2.a मुहु वारहवरिसइ, a काइ कि
करह, 3.b भण्णइं पयइं, a दोस वि, b मण्णई. 4.b भणिउं. a सइ, b मच्च for सच्च, 5.a पइ, b कहि, 6.a गुरुउ, 8.a तहि, b तीर for
तेण, il.a थणत्थ ले। (15) la जाल for जलइ, 2.b थरथरई, a धुगधगुइ, b दोसु, 3.a मइ हउ,
4.b पडिवण्ण ताइ ता, 5.a वउ for उत्र, 6.a omits सुरयावसाणि etc . . . 7.b लंकि उ, 8.a उरु वंम्हसुत्तु, 9.b छत्तपाणि वाईसर जोय पवित्तपाणि, 10.a वासु for पासु, 11.b देहि, b पभणइं, a त्थु tor एत्थु, b करेहिं, 13.a पवित्त कमाउरिणा, 14.b अह for तह, a पारासरिणा। cf. मत्स्यपुराण अध्याय 14, वायुपुराण, भागवतपुराण, शिवपुराण, महाभारत (आदिपर्व), ब्रह्मा, वर्तपुराण etc.
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