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________________ चला - अच्छमि ता एत्थु गब्भवासि वंतउ | खीलिउ कम्मेण ता गब्भहो णिग्गंत || ३ || (4) यदुक्काले णवर ते तावस भत्तिए अज्जाए णवड़ सारिय तामई चितिउ कि इह अच्छमि एत्यंतरे पणट्ठमुह छाय हे वावरं मुवि णु छावि हउँ विताम गम्भहो णीसरियउ भय देहि भगंतु समुट्ठिउ वाहउ तवसिहि भणिउ अमंगल एहो सुयहो वज्जु सिरिणिवडउ वरि फणि दट्ठगट्ठउ खंडिउ ८९ घरता - ता मए वुत्तु पुत्तु मज्झ उ होहि तुह भो तुह देउ मारि पईसहि जमहो मुहु ||४|| (5) पुणु वि ताए महु मायए घुट्ठउ जामेत्तु गिविणु भोयगु माणुसु एहु माए ण उवेठउ णीस जाहि जाहि पुणु जंपिउ लहु य केसु उद्धू लिय गत्तउ स संजाउ तवसिउ वसंतउ रवि आइय गेहि छुहावस | अग् देवि पडिवत्ति वारिय । गउ दुक्का तुरिउ णिग्गच्छमि । जायइ पसवणसूलइ मायहे । थिय चुल्लीसमीवि सा जाएवि । महि विडंतु वि छारहो भरियउ । भोयण करयलु पुरउ परिट्ठिउ । कुलखउ एहु णेइ गहु मंगलु । मा असल विकुल हिडउ । गुणगणणिहि सरीरु मा छंडिउ । Jain Education International एरिसुकेण विकहिमि ण दिट्ठउ । मग कहि मि को वि किं भोयणु । पोट्टि वसिउ महु रक्खसु मोट्टउ । ताइपेस तं पिपियप्पिउ । हउँ नीतिवोवणु पत्तउ । अच्छमि तवसिसचे णिवसंतउ । 5 10 ( 3 ) 1.2 परिणय, 3.b आयउ, a मायइ, 4.a ण बिया, b कहिं, 5.b भणिउं, a तेहि, a वरिसाइ, 6. b अम्हई जहि b दुसहु, 7.b एहु for एत्थु, 8. a दुक्खाल०, 10.a इ for मई, 11 a एत्थ 12.a तं for ता । For Private & Personal Use Only 5 ( 4 ) 1.a दुक्कलि, b गेह, 2.b पडिवत्ति समारियं, 3.b adds in margin वे जाम कर वदुई मई गब्भथहो चित्ति पयट्टई before ता मई चितिउ, a मइ, 4.b चायई, b सूलई, 5a वारवार for वावारं, 6.b हमि 7.b देइ for देहि, 8 b ताहउं, a तवसिहि, b भणिउ b नाई for णेइ, 9 a वज्ज, a माय जणेण सवल बि कुलु बिहडेउ, 10.a दट्ट - गुट्ठउ, b गुणगुणणिहि, 12. b देउ, b पईसहि, b मुहं । www.jainelibrary.org
SR No.003672
Book TitleDhammaparikkha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagchandra Jain Bhaskar
PublisherSanmati Research Institute of Indology Nagpur
Publication Year1990
Total Pages312
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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