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(16) आऊण वि वरिससहाससत्त
तेऊण विठि दिहिण तिष्णि वृत्त । वाऊण तिवरिससहास आउ
पुढवि पहुदि जीवह सुहुमु काउ । भासिउ अंगुलहो अंसख भाउ सबह जहण्णु भिण्ण महुत्त आउ । जोयणसहासु वणफ इहि देहु आउसु दहवरिससहस मुणेहु । तणु आउमाणु वेइंदियाण
जोयणवारहवरिसइ मि ताण। तणु माणे तेइंदिय तिकोस
एक्कोण जियहिं पंचास दिवस । चउरिदिय तणु जोयणपमाणु आउसु वि ताण छम्मास माणु । मच्छाण देहु जोयणसहासु
पुवाण कोडि आउसु पयासु । सव्वह असुह तिलेसासमाण असुहाहारहु मइ सुइ अणाण । घत्ता- मज्झिम अंसु फुडु तेऊलेसहि अमरहो।
विहि सग्गहि होइ मंदकसाया समरहो ॥१६॥
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सणकुमारमाहिदहि सग्गहि मज्झिम अंसु हवइ छाहि पोमहि मज्झु सुक्कु तेरसि सुपरिट्ठिय जहि जित्तिउ आउवहि संखहिं तेत्तिय वरिससहासहि भोयणु सुरणारयहो ओहि सद्दिट्ठिहु भावणाहि दो कप्पंति य सुर विहिसफंसपवियारहो भायणु कप्पे चउक्कि पुणु वि सुइ भदि पुणु चउकप्पहि मणपरियारा
तेयसपोमलेस सुरपग्गहि । विहि जच णुत्तमु सुक्कहि पोमहि । चउदहसुक्कुत्तम सिय संठिय । उस्सासु वि तहि तेत्तिय पक्खहि । णिच्चु सुक्खु अणिमिसु आलोयणु। 5 सो वि विहंगु हवेइ कुदिट्ठिहु । तणु पवियार सुहि सुकयायर । पउकप्पेहि रूव आलोयणु। पवियारो हवेइ सुह सहि । परओ सुरमणि अप्पवियारा। 10
धत्ता- पवियारसुहाउ अप्पवियारह अहिउ सुह ।
सम्मत्तचुआहं सुरहुं अहिमाण सिउ दुहु ।।१७।। ।। (16) 1.a दिहिण is explained as दिन in margin, b दिण, 2.b पुढवी
पहुजीवहो सुहुम काउं, 3.a writes in margin the line भासिउ etc. . . . आउ and b omits the same, 4.b देहुं, a दहवरिसु सहसु, b गणेहुँ for मुणेहु, 5.a inter. आउ and माणु, b जियहि, 7.b छम्मासजाणु, 9.b सत्रहो असुहलेसासुमाण असहाहारह मई सुई, 1.b सग्गहं होइं मंदकसायउ।
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