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तहि उप्पज्जहि णर मज्जरया हिसयर असच्चवयणभणणा परिगहगहणम्मि अतित्तियरा णारयकयदुक्खुपायणाई लोहमयतत्तपल कवलणाई असिपत्तवणंतर पाडणाइँ पाणहरदुक्ख विरइयगणाई सिरधारियलोहधराधरा इय एवमाइँ दुक्खइँ सहंत
पल महु पंचु वर भक्खिरया । परदब्वहरण परतियरमणा । परवंचणपरअक्याररया। कढकढकढंतजलपायणा:। कुंभीपायाणल पउलणाई । चड वडचडियजीह उप्पाडणारे । तत्तायसमहिलालिंगणा'। णिज्जियगरुयत्तवसुंधरा । गय जम्मवइ खइयरु कहंत ।
घत्ता- हम्मत हणंत करुणु रूवंत महिहि घुलहि ।
सयखंडगयाइ वि पुणरवि तहं देहहि मिलहि ॥२॥
(3) मवनवासी देव वर्णन
इतो भावनव्यंतरसुरा सन्निहिता
इति सामान्येन किंचित्सुरस्वरूपमुच्यते ॥ तद्यथा ॥ उववाइय जम्यधायरहिया
सुरहवहि विउव्वण गुणसहिया । चउरंससरीर चारुवयणा
सोहग्गरू ब णिज्जियमयणा । बलवंतणउँ सयवेयच्या
अवि हिंडिय आउ पलवभुया। जरवाहिविवज्जियकतिजुया पुण्णाणुरूवू परिवारणुया। अणिमाइय अट्ठरिद्धिगिलया णाणादिव्वं सुयवहुबिलया। आयारविराइय अलिचिहुस सहजायकणयमणिमउडधरा । कुंडलजुयमंडियगंडयला
विलुलियहारावलिवच्छयला । केऊरविहूसियभुयसिहरा
खणखणखणंत मणिकडयकरा । किकिणिकणंतकडिसुत्तधरा
पयरणझणंत मंजीरसरा।
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(2) 2.b धमप्पहाहिं, 3.b पंचोण, a तह तम यहाहे, 4.a उपज्जहि, a पंचु,
bतुक्खिरया, 6.b परिगहणम्मि, b परवंचणयरअवयारयरा, 7.a ०८पायणाइ, a ०जलपायणाइ, 8.a ०पलकवलणाइ, a पउलणाइ, 9.a पाडणाइ, b omits some चड. a उप्पाउणाइ, 10.b अमहय र दुक्ख०, a गणाइ, b घणाइ, a लिंगणाइ, ll.a ०धराइ, boगरुवत्तवसुध राइँ, a ०वसंधराइ, 12.a एवमाइ दुक्खइ, 13.b हम्मत, b रूअंतहं महि घुलई, 14.a मया वि, b ताह देह मिलहि ।
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