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________________ (13) पौराणिक कथाओं पर प्रश्नचिन्ह एत्यंतरि सो विउससिरोमणि राय सुमहविहि अणुराएँ दाणु कय जणविग्ध कणिणाहें गाइ र सो कह आणिज्जइ आमि हउँ ता पैसिउ राएँ पायालए पइसेवि णरेण विपसण्णव फणिराणउ इवेत्थि पुराणें तुम्हह दिय भासिहि रूढिए गउ सच्चाउ तो खगु भइ दियंवर वेसें सरविवरे विमाइ तं मण्णहु तं सुविणु विपहिं घुट्ठउ ६८ किमकमलु भसल पुणु भासइ करअंगुट्ठसमेण सजलयरु तासु उवरि किह माइ जलहिजलु अवरु वि पलयभिया दगुरिउणा महुति इतिंतर ताम अयत्थितवसि तें दिट्ठउ पत्ता- तो चिर णासंतउ कह भमिउ कह सो भेडु ण भग्गउ । जिग्गए गए भिंगारिय सुसिरे पुच्छवालु कह लग्गउ || १३|| (14) णघणझुण वोल्लइ मायामुणि । भाग सहाए जुहिट्ठिलराएँ । आइएण सत्तरि सिसणाहें । तो तह अज्जुणेण भणिज्जइ । महिलु दारेविणु णाराएँ । आणि तेण वि सरसु सिरेण । रिसिजु दहवलकोडि समाणउ । अत्थि ण वा फुडु साहह अहह । जो णउ मण्णइ सो वि असच्चउ । सामरमुणिवलरिट्ठि फणीसें । कि मइँ भणिउ वयणु अवगण्णहु । जई तुहु कुंहिहि सकरि पइट्ठउ । Jain Education International एरि किं ण पुराणहिं सीसइ । रिसिअगत्थिणा घोट्ठिउ सायरु । कह ण कमंडले मइँ सहँ मयगलु । थविउ तिलोउ उयरे किह हरिणा । जोवइ जाम विरिचि भमतउ । धुमावलि अलसितलि णिविट्ठउ । 5 For Private & Personal Use Only 10 ( 13 ) 2. b भणिउं सभाइ, 3a दाणुय विग्धजण्णहो कणिणाहर आपणा, 0 a साह, 4. a तहि, 5a हउ, b पेसिउं, a णराएं 6. b आणिउं, 7. b पसणु, a रिसिजुय, 8.a वेयत्थ, b तुम्हीं, b सहहु अम्हीं, 9. b भासहि a रूढिहि, b ण वि मण्णई, 10.b भणई, b सामतुमुणिवलु रिद्धु, ll.b मण्णहुं, a मइ, b भणिउं, a अवगणहो, b अवगण्णहुँ, 12. विहि, b तुहुँ, 13.6 किह भमिउं, b भिडु, 14. b किह. See for the story, महाभारत, मत्स्यपुराण etc. 5 www.jainelibrary.org
SR No.003672
Book TitleDhammaparikkha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagchandra Jain Bhaskar
PublisherSanmati Research Institute of Indology Nagpur
Publication Year1990
Total Pages312
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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