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ताउ भणहि भणु भणु किं दिज्जउ सामिय कि दासत्तणु किज्जउ ।। इय दहपुव्वधरि जा अच्छा
ता खगकण्णउ अट्ठ णियच्छइ। 5 परिगिउ तिउ रुद्दहि वि सुवण्णउ रइ असहतिउ ताउ विवण्णउ । अद्धविज्जफलु देविण पच्छए परिणियगउरिसुरउ किउ इच्छए । अकयकायसुद्धि किर पुज्जा। छित्तणट्ठ ता मुलिणिविज्जा। पडिमापुरउ केरविणु जाहिं सो वंभणि जवइ सा तावहि । विज्जा दिट्ठ तेण गायंती
तियरूवेण गयणि णच्चती। तं णिएवि जा पडिम णिरिक्खइ चउमहु घोरु पुरिसु ता पेक्खइ । रासहसिरु तहो उप्परि दिट्ठउ वड्तउ हत्थें परमठउ । णविज्ज सिरु लग्गउ करयले पुणु गय काले भमंतें महियले । वाणारसिसमीवि जिणवीरहो घोरुवसग्गु करेविण धीरहो । रयणि विरामे जाम पयजयकरु भत्तिए थविउ पडिउ ता खरसिरु । 15 पत्ता- इय चउमुहख रसि रखुडण सुहि जाउ आसि जं एरिसु । अण्णाणिजणहो अण्णाणि जणु भासइ तं अण्णारिसु ।।७।।
(8) .
जलशिला और वानर नृत्य कथा
पुणरवि मणवेएँ भासिज्जइ इय भणेवि रिसिरुउ धरेविणु गंपिणु बभसाले भेरि हय कणयासणे मणवे उ णिविट्ठ भणिउ मुणहु कं वाउ कवणु गुरु चाउ ण मुणहु णत्थि अम्हहँ गुरु रिसि भासाइ पिहुत्तरु णिएविणु
अवरू वि परपुराणु दरिसिज्जइ । पच्छिमदिसि पउलिहे पइ सेविगु । जा हय घंटा ता दिय आगय।। दियहि सगणहरेहि जिणु दिट्ठ। ता भासइ खगु मायारिसिवरु।
दिय पभणहि कि किउ भेरीसरु । __ आजम्मउ अउव्वु मुणेविण ।
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(7) 1.b omits the line उग्गतेवण etc. . . . आगच्छइ. 2.b चिततहो
for जोयंतहो, 3.a पंचसयाइ अवरइ सत्तसयइ, b खुजहु 4.b भणहिं, 5.b खगकण्णउं, 6.b परिणि तिउ रुदहे वि सुवणउं, 7.a पच्छइ, boगोरिसुरउ, 8.a सुद्धिए किय पुज्जा, b सूलिणिविज्जा, 9. जावहि a वंभाणि, a तावहि, il.b चउमुहं घोरवुरिसु ता पेच्छइ, 12.a दिविउ, 13.a काल, 15.a जाव पयजुएकरु, 16.a omits सुहि. See for the story of the ब्रह्मा & others, भागवतपुराण, मत्स्यपुराण, महाभारत (आदिपर्व) etc.
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