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________________ ५७ (21) अज्ज वि एक्कु ठाणु णउ जोयमि एम भणेवि देव आमंतिय सव्वहो एककेकासणु दिण्णउ भणिउ विसेसु कवणु संभाविउ भगइ वाउ अलिएण ण वाहमि तो उग्गिलिय कंत जमराएँ छड्डिउ ताए जाम मे सासगु णासइ किर भयतट्ठहो आसणु जइ पिच्छमि तो पहु संजोयमि । आइय सयल वि सामर पंतिय । जमहो तिण्णि ता तहो मगु भिण्णउ । जेणासणतिउ मह देवाविउ । जइ उग्गिलहि कंत ता साहमि। मेल्लि मज्झु सुहि वोल्लिउ वाएँ । ता अच्चंतकुद्ध जमु भीसणु । ता पुट्ठीए लग्गु महिसाणणु । 5 घत्ता- सिहि उठेंतु पडंतु जा णासे वि ण सकइ । सिल तरु तण धरणीसु ताव पईसेवि थक्कउ ॥२१॥ (22) तहो दिवसहो लग्गिवि गहियभउ आणियं तुहु आसण मग्गु तहिं इय पियपुराणकह संभ रहु एत्थंतरे पणिउ दियवरिहिं पुलु खयररायणंदणु भणइ णरु मुणेवि सुसील सग्गे धरद दुच्चरिय भरिय कह इत्यियहे जइ कह वि ण जाणिउ तेण हवि एक्केग वि दोसें वहुयगुण तो जमहो जमत्तणु ख यहो गउ. पइसाणरु दीसइ सव्वगउ । पल्लट्टेवि गउ जमु भज्ज जहि । कि अस्थि णात्थि फुडु वज्जरहु । छायइ रविविवु कवणु करिहि । ते लोउ तियालु वि जो मुणइ । दुठ्ठ होइ पुणु णरयगमणु करइ । उयरात्थिउ णियउयरस्थियहे । ता कि जमु सयलु वि मुणइँ ण वि। जइ णासहि एम भणंति जण। अहवा मज्जररहो दोसु णउ। 10 (20) 1.b एहिं for तहि, a एतूण जम्मेम, 3.a ० समोउं, 4.b एक्कुमेक्कु, 5.a रमियावसाण, b रमियावसासे, a कंत जइ जमु मुणेइ, 6.b पई हण, aहणहं, 7.b कहमि, 8 b तासु for ताह, 9.b पयण किय, 10.a जलगेणु, b दियह, b जाहि. II.b भणिउँ । (21) 2.a मत्तिय for पंतिय, 3.b सव्वहं, b दिण्णउं, b भिण्णउं, 4.b ०तउ for •तिउ, 6.b सहि, a वोल्लिय, 7.a छंड्डि उ, 6.a अच्चंतु, a जम, 8.b भयतठ्ठहु, a. after भयतट्टहो in margin हु भासणु, b तट्ठह, 9.a णासाह ण सक्कि उ, 12.b ताम (स्वजन in margin)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003672
Book TitleDhammaparikkha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagchandra Jain Bhaskar
PublisherSanmati Research Institute of Indology Nagpur
Publication Year1990
Total Pages312
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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