SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 154
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ उरिया जातित्थु णिविट्ठउ भणिउ धुत्तणेण सवत्तिहे कानविय तहि णयण पियारए घत्ता - एत्थंतरि सुंदरि पेसिएण पुत्ते ए वि भणिज्जइ । सिद्धरसोइ वररससहिय एहि ताय भुंजिज्जइ ॥ १२ ॥ (13) कुरंगि णिविडपे गुण घडियउ अणु पियवयणु विभावइ चंचल लोयण गाइ कुरंगी कि किर पयडियाए वहुमायए इह किं खाहीस अप्पाणउ कि इह भुत्तेण वि विणु णेहें तो तहे वणें कज्जु वियारियि आसण कर हत्थ ता सुंदरि दिण्ण थालकंचोल सुभासिय अकुडिलमणहि ण मच्छरु वडिढउ कुडिलए कुडिलिए दिट्ठए दिट्ठउ । जहि रसोइ पच्चर मज्झ सवत्ति । गच्छहि मंदिर सुंदरि केरए । urasia कुडिलीकय दिट्ठी अहवा खधावारिण रिदहो घत्ता - पर सच्चहो जरियहो विरहियहो अष्णु कया विणं सच्चइ । अहियरु पयासई उण्हजरु तेणोसासु पमुच्चइ ॥ १३ ॥ (14) सुणइ ण वयणु कट्ठेणं घडियउ । ण वियाणइ अच्छंतु विभावइ । तो रूसेविणु भणइ कुरंगी । जाहि जाहि हक्कारिउ मायए । तहि तुह वल्लहाए किउ पाणउ । भुत्तु वि ण वि जीरड़ विणु णेहें । उ सुंदरि धरि माणु वियारिवि । थिय पडिवित्ति पयासिय सुंदरि । णिम्मलरयणं सुकइ सुभासिय । हो छडरसभोय वड्दिउ । Jain Education International चितइ किं कुरंगि महु रुट्ठी । सुरयसोवर पणयंगणविद हो । 10 5 (12) 1. b पभणई, 2b माई, 3 b पभणई, b उक्केविय, 5.b धण वि ताम, a धरणि 6. a कुडिलए for कुडिलिए, bomits दिट्ठए, 7.b भणिउं, bom जहि ... सवत्तिहे, 8. णयणणियारए, 9 b एम for एवि, 10.b सिद्धी, a सहिया । For Private & Personal Use Only 10 ( 13 ) l.a. b कुरंगि after णिविड, b पेम्मश्रण, b सुणई, 2.2 णयण, 3. a रूसेविण्णु, 4.a बहुमाए, 5 b अप्पापउं, a कउ for किउ, 6.2 भुत्त वि 7.a कज्ज, bomits धरि, 8. b कखहत्थ, b पडिवत्ति, पयासिवि, 9.b कच्चोल, a सुकइ सुहासिय, 10.a छडरसु, ll.a सच्चउ, 12. अहियरु पियासए उन्हु गुरु, b तेणासासु विमुच्चइ । www.jainelibrary.org
SR No.003672
Book TitleDhammaparikkha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagchandra Jain Bhaskar
PublisherSanmati Research Institute of Indology Nagpur
Publication Year1990
Total Pages312
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy