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________________ वृक्ष है, जिसकी पूजा करने के लिए हाथी का परिवार जाता हुआ दिखलाई पड़ रहा है । यह गुंफा हाथी गुम्फा से छोटी अर्थात् कम ऊँचाई वाली है और छोटे छोटे हाथी भी चित्रित हैं। इसी कारण से इसका नाम छोटा हाथी गुम्फा प्रसिद्ध हुआ है। लोगों ने हाथियों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। कोठी की छत समतल और फर्श पीछे से उठा हुआ है । धनुषाकार तोरण, प्रवेश मार्ग के ऊपर को दो कुड्य स्तम्भ संभाले हुए हैं। इन स्तम्भों के मध्य भाग पंख युक्त जानवरों से सुसज्जित है । वांई ओर ग्रस्त तोरण पर खिले हुए कमल और पौधे उत्कीर्णित हैं । कर्णपट पर एक समर्पणात्मक अभिलेख के कुछ शब्द प्रतीत होते हैं। यथा स लेनं (अर्थात् ... की गुम्फा) इसके प्रारम्भ के अंश को पढ़ना दुष्कर है। इसका गृह-मुख अधखिले गोलाकार कमलों से आकर्षित है। ४. अलकापुरी गुफा : दो मंजिल बाली इस गुफा का निर्माण ई. पू. दूसरी शताब्दी में हुआ था । इस की दोनों मजिलें एक दूसरे के ऊपर नीचे एक एक लम्बा कमरा है । निचली मंजिल का प्रकोष्ठ लम्बा है। इस में कोई बरामदा नहीं है। इस कमरे को क्रूरता पूर्वक खोद कर नष्ट कर दिया गया है। यह एक खदान की तरह प्रतीत होता है। इसके सामने की दीवाल और बरामदा भग्न हो गया है । यह अनावृत सा दृष्टि गोचर होता है । बरामदा के मोटे खम्बो पर क्षतिग्रस्त ब्रेकेट और पंख युक्त घोड़े दृष्टि गोचर होते हैं। कमरे के बाहर एक बेंच बनी हुई है जिसके ऊपर सामान रखने के लिए रैक बना हुआ है। उपरी भाग : है । इस गुफा की ऊपरी मंजिल पर सीढियों के द्वारा गुम्फा पांच के सामने से जाया जा सकता है ? नीचे के कमरे की अपेक्षा ऊपर का कमरा लम्बा है। इसकी छत उन्नतोदराकार की है। फर्श और छत क्षतिग्रस्त है । उसमें तीन प्रवेश द्वार हैं। प्रथम दो प्रवेश द्वारों की दीवार टूट गई है। इसका फर्श मौलिक रूप से पीछे से उठा हुआ इसके सामने एक बरामदा है। इसके तीन ओर बेंच है। बरामदा का फर्श और स्तम्भों के Jain Education International ७७ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003670
Book TitleUdisa me Jain Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalchand Jain
PublisherJoravarmal Sampatlal Bakliwal
Publication Year2006
Total Pages158
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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