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________________ दूटा हुआ है। खम्भे पर पक्षियों के सिर वाले जानवरों का जोड़ा उत्कीर्णित है। यह जोडा एक दूसरे से पिछले भाग को सटा कर अर्थात् विपरीत दिशा में मुख किये हुए खडे हैं। खम्भे के ऊपरी भाग पर पंखों वाले जानवरों के जोड़े भी विद्यमान हैं। कि माटी रातमा दाहिनी ओर के कमरे की दीवाल और खम्भे नष्ट हो गये हैं। अब यह पार्श्वस्थ स्तम्भों के सहारे सुरक्षित है। इसका फर्श आधुनिक है। जो पुन: बनाया गया है। इसकी छत पहले के कमरे की तरह दरारी हो गई हैं । यह कमरा पहले की अपेक्षा छोटा है। इसका प्रवेश द्वार खुला हुआ है। इसका तोरण आधुनिक कारीगरों द्वारा बनाये गये दो स्तम्भों पर आधारित है। इसका फर्श और छत क्षतिग्रस्त है। इसके नामकरण का कारण अज्ञात है। ३. छोटा हाथी गुम्फा या ई.पू. दूसरी शताब्दी में निर्मित इस गुंफा में एक छोटी कोठी है। इसकी छत बहुत नीची है। फर्श खुदा है। इसका दरवाजा भी छोटा और नीचा है। इस में बड़ी कठिनाई से प्रवेश किया जा सकता है। दरवाजे के ऊपर स्थित गोल चट्टान प्राकृतिक रूप से इसे सुरक्षित किये हुए है। इसके दरवाजे के तोरण पर छह हाथी अनुक्रम से उत्कीर्णित हैं। दोनो ओर तीन-तीन हाथी हैं। M For । मान छोटा हाथी गुफा 1ि प्रारम्भ में हाथी का बच्चा फिर बड़े दांतो वाला हाथी अंत में हाथिनी दोनों पार्श्व में कमलों को सूंढ़ में लिये हुए जाते से प्रतीत होते है। दाहिनी ओर एक चैत्य ७६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003670
Book TitleUdisa me Jain Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalchand Jain
PublisherJoravarmal Sampatlal Bakliwal
Publication Year2006
Total Pages158
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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