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(ग) भगवान्कलिंग जिन वेदी:
महावीर वेदी के दाहिनी ओर श्याम रंग की कायोत्सर्ग के रूप में तीर्थकर त्र-षमदेव की मूर्ति एक खुले जंगला में विराजमान है। इन्हें कलिंग जिन कहा जाता है। लेकिन वे वही कलिंग जिन नहीं है जिसे भगधा धिपति नन्द राजा ले गया था और जिसे खारवेल कलिगाधिपति छीन कर वापस लाये थे। इस मूर्ति के दोनों ओर १२-१२ तीर्थकर अर्थात् चौवीसी उत्कीर्णित है। इनके चरणों के समीप यक्ष-यक्षिणी विद्यमान
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२. भगवान् शीतलनाथ मंदिर : STFBFमा
यह मुख्य मंदिर की बांई ओर छोटा मंदिर है। इस में तीन मूर्तियाँ योगा सन में कमलाकार चौकी पर विराजमान हैं। मध्य में स्वस्तिक चिन्ह वाले १०वें तीर्थंकर शीतलनाथ मूल नायक की मूर्ति विराजमान है। जो दोनों ओर स्थित शांतिनाथ तीर्थकर की मूर्तियों से अपेक्षाकृत बड़ी है। तीनों मूर्तियां सफेद संगमरमर की हैं। इस मंदिर में २४ तीर्थकरो के चरण भी निर्मित है।
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