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नेमिनाथ तीर्थंकर और उनकी शासन देवी चौकी पर विराजमान है।
अम्बिका गोमेद के साथ
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(ख) भगवान् महावीर वेदी
उत्तरी ओर के
दरवाजे से प्रवेश करते ही, बांई
ओर संगमरमर की कलात्मक वेदी भ. महावीर वेदी कहलाती है । इस वेदी के मूलनायक महावीर तीर्थंकर हैं। इन के अलावा भगवान् महावीर के बाई ओर तीर्थंकर चन्द्रप्रभ और दाहिनी ओर तीर्थंकर शांतिनाथ
की मूर्ति विराजमान हैं। इस
वेदी की तीनों तीर्थंकर की
पार्श्वनाथ तीर्थंकर की हैं। सभी तीर्थंकरों के सिर के ऊपर ३ छत्र सुशोभित होते हैं। सभी मूर्तियाँ बहुत सुन्दर ढंग से प्रदर्शित की गई हैं। इसके अलावा बांई ओर के आले (जंगला) में अम्बाका और गोमेद का जोड़ा आम के वृक्ष के नीचे बैठा है। उस पेड के ऊपर धर्म चक्र प्रवर्तित करते हुए नमिनाथ तीर्थंकर प्रतीत होते हैं। दाहिनी ओर के जंगला में चक्रेश्वरी की मूर्ति बहुत सुन्दर है। एक पैर मोड़कर और एक पैर नीचे लटकाये हुए एक
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मूर्तियाँ पर्य्यकासन में ध्यानस्थ रूप में विराजमान है। तीनों मूर्तियों सफेद संगमरमर से निर्मित हैं। दीपाबली के अवसर पर समस्त जैन समाज मिल कर भगवान् महाविर का निर्वाणोत्सव मनाते है। इस खुशी में लड्डू चढ़ाते हैं और दीप जलाते हैं।
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