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________________ मर्यादा- अनुशासन का पुष्टिकाल ८७ साधुओं को शिक्षा देते हुए आपने कहा, 'आचार्य की आज्ञा में चलने से ही अपनी और संघ की उन्नति संभव है ।' शिक्षा देने के बाद विश्राम हेतु आप लेट गए । थोड़ी देर बाद आपको इच्छानुसार सहारा देकर बिठाया गया कि आपको एक उबासी आई और आंखों की पुतलियां फिर गईं । कालूजी स्वामी ने चौविहार संथारा कराया । आपने स्वीकृति सूचक सिर हिलाया । इतने में आपके प्राण विसर्जित हो गए। शरीर का संस्कार दूसरे दिन किया गया, जिसमें हजारों आदमी एकत्रित हुए । श्रीचंदजी गधैया ने श्री कालूरामजी जम्मड़ की सलाह से आपकी अस्वस्थता में ही, जयपुर से ऊंटों द्वारा बैकुंठी की सब सामग्री मंगा ली थी । बीदासर में नगराजजी बैगानी को देव द्वारा तुरन्त आभास होने से, वे ऊंट पर बैठकर दाह-संस्कार के पूर्व पहुंच गए। माणकगणि ने आपके जीवन चरित्र पर संवत् १६५३ कार्तिक शुक्ला ८ को 'मघवा सुजस' नामक काव्य ग्रन्थ की रचना की । आपने ३६ साधु तथा ८३ साध्वियों को दीक्षित किया। आपके स्वर्गवास के समय ७९ साधु तथा २०५ साध्वियां संघ में थीं । उपलब्धियां आपके दीक्षित साधुओं में मुनि श्री मगनलालजी, कालूजी [ छापर] (बाद में अष्टमाचार्य), मातु श्री छोगोंजी, साध्वी कानकुंवरजी तथा साध्वी मुखोंजी ( सरदार शहर) प्रभावशाली सिद्ध हुए । आपके युग में निम्नलिखित विशिष्ट तपस्याएं हुईं १. मुनि चुन्नीलालजी – २३ वर्ष बेले बेले तप व लघु सिंह निष्क्रीड़ित तप की पहली तीसरी परिपाटी सम्पन्न कर नया कीर्तिमान बनाया । २. मुनि चौथमलजी - छः मासी तप । ३. सती जेठांजी -१६ दिन का अनशन । - दो मासी ५२ दिनों की संलेखना तथा एक दिन संथारा । -लघु सिंह निष्क्रीड़ित तप की पहली परिपाटी । - २१ वर्ष एकान्तर, कुल तपस्या ७५६० दिन (२१ वर्ष ऊपर) -- उपवास से १३ तक लड़ी, तीन हजार से अधिक उपवास । ८. सती जड़ावोजी - लघु सिंह निष्क्रीड़ित तप की पहली परिपाटी में ५ दिन अनशन । C. सती जोतोंजी - तीन हजार से अधिक उपवास, १८ दिन का चौविहार संलेखना संथारा | ४. सती सुखांजी ५. सती गुलाबोंजी ६. सती छोगांजी ७. सती मीरोंजी • Jain Education International - For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003668
Book TitleHe Prabho Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSohanraj Kothari
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1989
Total Pages206
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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