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________________ 64 जैन धर्म की वैज्ञानिक आधारशिला क्रोध, मान, माया और लोभ की स्थिति में कार्मिक वियोजन या निर्जरा का न्यूनतम समय परम्परागत रूप से क्रमशः 2 माह, 1 माह, 15 दिन और एक अन्तर्मुहूर्त ( < 48 मिनट) माना जाता है (ग्लेजनप, 1942)। उदाहरणार्थ, संभवतः, लोभ के कारण प्रेरित अहिंसा की क्रिया इतना वियोजन-समय लेती है। तथापि, कर्मों का अधिकतम वियोजन-समय चारों कषायों की दुर्बलता पर भी निर्भर करेगा। वास्तव में, अयोग (या स्थितिक) दशा में कर्म-पुदगल अवशोषित ही नहीं होते, अत: केवल बंधे हुए कर्म-पुद्गल ही निर्झरित होते हैं। सकारात्मक अहिंसा के पालन के लिये किसी भी भौतिक, मानसिक या वाचिक क्रिया में पूर्ण सावधानी आवश्यक है। महावीर ने अपने प्रमुख गणधर गौतम को दिये गये प्रवचनों में इसे व्यक्त किया है (देखियें, परिशिष्ट 3 ब, उद्धरण 6.4) : “एक समय या क्षण के लिये भी प्रमाद मत करो।" अहिंसा के पालन के लिए चार व्यावहारिक घटक बताये गये हैं : 1. मैत्री 2. करुणा 3. प्रमोद 4. माध्यस्थ वृत्तिः एक अन्य उद्धरण (परिशिष्ट 3 ब, उद्धरण 6.5); में इन अंगों का अर्थ स्पष्ट किया गया है : 1. सभी प्राणियों के प्रति मैत्री की भावना का विकास 2. दुःखी प्राणियों के प्रति करुणाभाव का विकास 3. पुण्य कार्य करने वाले प्राणियों के प्रति हर्ष-भाव का विकास 4. विपरीत मार्ग अपनाने वालों के प्रति समताभाव का विकास ___ गुरुदेव चित्रभानु ने इन विचारों को "मैत्री भावन' नामक प्रेरक कविता के रूप में व्यक्त किया है जो अब जैनों की एक सुज्ञात प्रार्थना बन गई है। (उदाहरणार्थ, देखिये, मरडिया, 1992)। (श्री जुगल किशोर मुख्तार की लोकप्रिय 'मेरी भावना भी इन्हीं विचारों का सार हैं (1981)। इसका अनेक भाषाओं में अनुवाद भी हो चुका है।) इसकी अनुरूपता के लिये अहिंसा को हम अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिये किसी मोटर के (जिसका सामर्थ्य उच्च होता है) परिचालन के समान मान सकते हैं। इसके लिये केवल यह आवश्यक नहीं है कि 1. मोटर को हम कैसे परिचालित करते हैं या 2. मोटर को किस मार्ग पर चलाया जाता है Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003667
Book TitleJain Dharm ki Vaignanik Adharshila
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanti V Maradia
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2002
Total Pages192
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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