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प्रकरण चौथा
-१५ | वीर वंशावली १६ | समकित सार १७ शास्त्रोद्धार मीमांसा में १८ अज्ञानतिमिर भास्कर १९ ऐतिहासिक नोंध
२०
शास्त्रोदार मीमांसा
- २१ | जैनयुग का एक लेख २२ राजपूताने का इतिहास २३ | जैन० प्रभुवीर पटावली २४ धर्मप्राण लौकाशाह २५ लौका० की पटावली
वि० सं० १८०६
स्था० साधु जेठामलजी वि० सं० १८६५ स्था० अ० ने उष्टतकी वि० सं० १८८३ जै. आ. विजयानंद सूरि वि० सं० १९४३ वाड़ी• मोतीलाल शाह वि० सं० १९६५
स्था० सा० अमोलख
ऋषिजी
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वि० सं० १९७६
जैन श्वे० कान्फ्रेंस पत्र वि० सं० १९८२ पं० गौरीशंकरजी भोक्षा वि० सं० १९८१ स्था०साधु मणिलालजी वि० सं० १९९१ स्था०साधु संतबलजी वि० सं० १९९२ स्था० साधु नागेन्द्र चंदजी द्वारा स्था०साधु विनयर्षिजी ४-४-३६
- २६ | बंबई समाचार का लेख
४० सहज सुन्दर
२७ | उपकेशगच्छ पटावली २८ आंचलगच्छ पटावली पं० हीरालाल हंसराज
इनके अलावा और भी अनेक प्रन्थ और पटावलियों में लोकाशाह के विषय का उल्लेख मिल सकता है, और जिनके आधार से लौंकाशाह का एक प्रामाणिक इतिहास भी तैयार हो सकता है। लौंकाशाह कब जन्मा, इसका खुलासा हम पाँचवें प्रकरण में करेंगे ।
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