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इ. अभाव क्यों?
"x x x पर इस तरह का कोई उल्लेख उनके निगुण भक्तों ने कहीं नहीं किया कि लोकाशाह कौन स्थान में जन्मे ? कब उनका देहान्त हुआ ? उनका घर संसार कैसा चलता था ? वे थे किस सूरत के ? उनके पास कौन २ शास्त्र थे ? वगैरह २ हम कुछ नहीं जानते हैं x x " .
ऐतिहासिक नोंध पृष्ट ७८
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___ "x x x मैं इन बातों को मञ्जूर करता हूँ कि मुझे मिली हुई हकीकतों पर मुझे विश्वास नहीं है। क्योंकि हमारे में यह इतिहास लिखने की प्रथा न होने से जुदी २ याददास्ती में जुदा २ हाल लिखा है x x x"
ऐतिहासिक नोंध पृष्ठ ८७ श्रीमान् लौकाशाह के जीवन इतिहास के विषय में भी जब यह हाल है कि, वे कहां जन्मे, कहां मरे, उनकी सूरत कैसी थी. उनका संसार कैसे चलता था, उनके पास क्या क्या सूत्र थे, वे कहाँ २ फिरे, इत्यादि बातें भी जब कोई नहीं जानता तो उनको बड़ा साहूकार, महाविद्वान्, अतिशय धर्मसुधारक, क्रान्तिकारक श्रादि लिख मारना क्या यह लौकाशाह की हसी उड़ाना नहीं है । खैर ! वाड़ीलाल तो गृहस्थ थे, x पर तीन करण और वीन योग से असत्य बोलने का त्याग बतलाने वाले श्रीमान् संतवालजी एवं मणिलालजी ने भी लौकाशाह के जीवन विषय
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