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________________ ( २६ ) नम्बर विषय पुष्ट १३९ १७ - प्रकरण सत्रहवाँ - क्या लौं० ने किसी को उपदेश दिया ? १३१ १८- प्रकरण अठारवाँ- क्या लौं० यति दीक्षा ली यी ? १९ - प्रकरण उन्नीसवाँ -- क्या लौं : भ्रमण भी किया था ? २०- प्रकरण वीसवाँ - लौकाशाह के अनुयायी । १४६ १४९ १६२ २१- प्रकरण इकवीसवाँ - लौकाशाह का देहान्त | २२ - प्रकरण बावीसवाँ क्या स्था० लौं० अनुयायी है । १६९ २३- प्रकरण तेवीस - जैनसाधुत्रों का आचार | १७७ २४ - प्रकरण चौवीसवाँ - हिंसा श्रहिंसा की समालोचना । १८४ २५- प्रकरण पंचवीसवाँ - श्रीमान् लौं० ने क्या किया ? १९७ २६- परिशिष्ट नं० १ 1 पं० मुनि लावण्यसमय कृत सिद्धन्त चौपाई | ३० कमलसंयम कृत सिद्धान्तसार चौपाई | मुनि विका कृत असूत्र निराकरण बत्तीसी । - परिशिष्ट नं० २ २३८ लौं० गच्छीय यति भानुचन्द्र कृत दयाधर्म चौपाई | २३४ लौ ० केशवजी कृत सिलोंको । २८ - ऐतिहासिक नोंध की ऐतिहासिकता की भूमिका । २४१ २९- वा० मो० शाह की प्रतिज्ञा । "" २४७ ३० - लौकाशाह का इतिहास के वि० प्रमाणों का अभाव | २४८ ३१ -लौंकाशाह का संक्षिप्त जीवन । २५१ ३२ - वीर की दूसरी शताब्दीमू में र्त्तिपूजा से महान् उपकार । २५३ ३३- इतिहास साहित्य का खून | २५५ ३४ - जैनमंथों के विषय कांनी आँख से देखना । २५७ 37 اعد Jain Education International For Private & Personal Use Only २०२ २२८ २३० www.jainelibrary.org
SR No.003664
Book TitleShreeman Lonkashah
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar Maharaj
PublisherShri Ratna Prabhakar Gyan Pushpmala Phalodhi
Publication Year1937
Total Pages416
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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