SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 30
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विषयाऽनुक्रमणिका नम्बर विषय १-प्रकरण पहिला-श्रीमान् लौकाशाह कौन थे। १ २-प्रकरण दूसरा क्या तपागच्छीय यति क्रांतिविजय ने लौंकाशाह का जीवन लिखा था ? .३-प्रकरण तीसरा स्थानकवासियों के पास लौकाशाह के जीवन विषय प्रमाणों का अभाव क्यों है ? ४-प्रकरण चौथा लौकाशाह के विषय प्रमाणों का संग्रह । २७ ५-प्रकरण पाँचवां-लौकाशाह का समय । ३१ ६-प्रकरण छट्ठा-लौकाशाह का जन्म स्थान । ७-प्रकरण सातवाँ-लौकाशाह का व्यवसाय । ८-प्रकरण आठवाँ-लौंकाशाह का ज्ञानाभ्यास । ९-प्रकरण नौवा-क्या लोकाशाह ने ३२ सूत्र लिखे थे ? ५५ १०-प्रकरण दसवा-लोकाशाह के समय जैनसमाज की परिस्थिति । ११-प्रकरण ग्यारवाँ ..- लोकाशाह और भश्मप्रह। १२-प्रकरण बारहवा लौंकाशाह को नयामत निकालने का कारण था। १३-प्रकरण तेरहवाँ -लौकाशाह का सिद्धान्त । १४-प्रकरण चौहदवा -लौकाशाह और मूर्तिपूजा । १५-प्रकरण पन्द्रवा--लौकाशाह और मुँहपत्ती । १६-प्रकरण सोलहवा–लोकाशाह की विद्वता । १२७ १८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003664
Book TitleShreeman Lonkashah
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar Maharaj
PublisherShri Ratna Prabhakar Gyan Pushpmala Phalodhi
Publication Year1937
Total Pages416
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy