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शान्त सुधारस
प्रवचन : ८ अनित्य भावना - १
शरीर की अनित्यता शरीर का संबंध आयुष्य के साथ आयुष्य की चंचलता जीवन से लगाव नहीं रखना संपत्ति की अनित्यता मालवपति मुंज इन्द्रियों के वैषयिक सुख 'पुद्गल गीता' : चिदानन्दजी संबंध : स्वप्न, इन्द्रजाल तत्त्वविजयजी का एक काव्य उपसंहार
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