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शान्त सुधारस
प्रवचन : ७
| : संकलना :
भावनाओं का स्थान : अन्तःकरण धर्मक्रियाओ के साथ धर्मध्यान मोक्ष के द्वार पर भीड़ : एक उपनय कथा स्वर्ग और नरक का आधार : मनुष्यमन एक योगी : एक वेश्या सुख और आनन्द कहाँ है ? एक उपनय कथा मन इर्ष्या आदि दोषों से ग्रस्त क्यों ? मन उलझा है, सुख-दुःखों में उपसंहार
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