________________
शान्तसुधारस
भाग १
( प्रवचन १ से २४)
अट्ठारहवीं शताब्दी के समर्थ साहित्यसर्जक
महोपाध्याय श्री विनयविजयजी गणि द्वारा संस्कृत भाषा में विरचित गेय काव्यग्रंथ 'शान्तसुधारस पर
आधारित प्रवचन
* प्रवचनकार *
आचार्यदेव श्री विजय भद्रगुप्तसूरीश्वरजी महाराज
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org