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________________ क्रम ग्रंथका नाम २० | पांच समवाय स्तवन २१ पट्टावली सज्झाय २२ | पुण्यप्रकाश स्तवन २३ भगवती सूत्र सज्झाय २४ | मरुदेवा माता सज्झाय २५ लोकप्रकाश | विजय देवसूरि लेख २७ विजय देवसूरि विज्ञप्ति २८ विजय देवसूरि विज्ञप्ति २९ विनयविलास ३० विहरमान जिन वीशी ३१ वृषभतीर्थपति स्तवन ३२ शांतसुधारस श्लोक संख्या भाषा | विषय गुजराती | पंचकारण विवरण गुजराती | श्रमण परंपरा गुजराती | आत्म आराधना गुजराती सूत्र स्तवना गुजराती २०६२१ संस्कृत तत्त्वज्ञान गाथा ३४ गाथा | गुजराती विज्ञप्तिपत्र ८२ पद्य मिश्र संस्कृत विज्ञप्तिपत्र __- | गुजराती विज्ञप्तिपत्र ३७ पद्य मिश्र हिन्दी | अध्यात्म (१७० गाथा) | ११६ गाथा गुजराती |स्तवना ६ गाथा संस्कृत |स्तवना २३४ पद्य | संस्कृत १६ भावना (३५० गाथा) विवरण गुजराती ७५० गाथा गुजराती कथा जीवनचरित्र संस्कृत वादविवाद ४३ गाथा गुजराती क्रिया विवरण ३ गाथा गुजराती स्तवना १४ गाथा इतिहास विवरण (१२७ पंक्ति) ३४००० संस्कृत संस्कृत स्तवना ३३ | शाश्वत जिन भास ३४ श्रीपाल राजा रास ३५ षट् त्रिंशज्जल्प संग्रह ३६ षडावश्यक स्तवन ३७ सीमंधर चैत्यवंदन ३८ सूरत चैत्य परिपाटी गुजराती व्याकरण ३९ हैमप्रकाश ४० हैम लघु प्रक्रिया २५०० व्याकरण 'श्रीपाल रास की रचना के दौरान उपाध्याय श्री विनयविजयजी का स्वर्गवास हुआ तत्पश्चात् उनके समकालीन उपाध्यायश्री यशोविजयजी ने शेष ५०२ गाथा की रचना कर के यह रास पूर्ण किया । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003661
Book TitleShant Sudharas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherVishvakalyan Prakashan Trust Mehsana
Publication Year
Total Pages302
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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