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________________ जन्म कालधर्म माता का नाम पिता का नाम गुरु का नाम श्रद्धेय आचार्यप्रवर क्रम महोपाध्यायश्री विनयविजयजी वि. सं. १६६१ के आसपास : : वि. सं. १७३८ में रांदेर (सूरत) । राजेश्री : तेजपाल : उपाध्याय श्री कीर्तिविजयजी : श्री विजयप्रभसूरिजी (भगवान महावीर की ६रवीं पाट पर आये हुए आचार्यश्री) सर्जनयात्रा श्लोक संख्या ग्रंथ का नाम १) अध्यात्मगीता २ अर्हन्नमस्कार स्तोत्र : ३ आदिजिन विनती ४ आनंद लेख ५ आयंबिल की सज्झाय ६ इन्दुदूत काव्य ७ इरियावहीं सज्झाय ८। उपधान स्तवन ९ कल्पसूत्र सुबोधिका टीका १० गुणस्थान गर्भित वीरस्तवन ११ जिणचेइयथवण १२ जिनचोवीशी १३ जिनपूजन चैत्यवंदन १४ जिन सहस्त्रनाम १५ धर्मनाथ स्तवना Jain Education International १६ | नयकर्णिका १७ नेमनाथ बारमासी १८ नेमिनाथ भ्रमर गीता १९ प्रत्याख्यान विचार भाषा गुजराती संस्कृत ५७ गाथा गुजराती २५२ पद्य ११ गाथा १३१ २६ गाथा २४ गाथा ४१५० ३३० ७३ २७ १२० १२ १४९ १३८ २३ २७ ३९ २९ संस्कृत गुजराती संस्कृत गुजराती गुजराती संस्कृत गुजराती प्राकृत गुजराती गुजराती संस्कृत गुजराती संस्कृत गुजराती गुजराती गुजराती For Private & Personal Use Only विषय अध्यात्म परमात्म स्तवना परमात्म स्तवना विज्ञप्ति - तप महत्त्व - पत्र संदेशमय विवरण क्रिया विवरण क्रिया विवरण कल्पसूत्र पर विस्तृत टीका आत्मविकासका विवरण स्तवना स्तवना क्रिया विवरण परमात्म प्रभाव रूपकात्मक काव्य जैन न्याय (Logic) बारह महीना विवरण फागु काव्य पच्चक्खाण विचार www.jainelibrary.org
SR No.003661
Book TitleShant Sudharas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherVishvakalyan Prakashan Trust Mehsana
Publication Year
Total Pages302
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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