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________________ विषय २. दोषाभाव ही गुण है ३. गुणसिद्धि ४. प्रामाण्यकी परतः उत्पत्ति और ... ज्ञप्तिका उपसंहार २७-२८ १२. अभावप्रमाणडूषण सिद्धि १. भावप्रमाएको सर्वज्ञका बाधक होने की आशंका और उसका सयुक्तिक खण्डन ११-१७ १८-२६ कारिका २. अभाव प्रमाण अनुमान तथा प्रत्यक्ष से विषय-सूची १-१६ **** भिन्न नहीं है ३-१० Jain Education International ३. भावसे भिन्न अभाव प्रमाणका ग्राह्यरूप अभाव न होनेसे उसका प्रभाव ११-१६ १३. तर्कप्रामाण्यसिद्धि १-२१ १. प्रत्यक्ष से व्याप्तिग्रहण असम्भव १-८० विषय २. अनुमानसे व्याप्तिज्ञान मानने में ३३ कारिका अनवस्था ३. व्याप्तिग्राहकत्वेन तर्कप्रामाण्यसिद्धि ४. तर्कके अगृहीतार्थग्राहित्वका समर्थन १०-११ ५. विषयग्रहण में तदुत्पत्यादिसम्बन्ध के निराकरणपूर्वक योग्यताकी सिद्धि १२-१७ ६. तर्कप्रमाणही व्याप्तिग्रहण करनेमें समर्थ है .... For Private & Personal Use Only .... ७. अन्यथानुपपत्ति और तथोपपत्ति में अभेद १६-२० २१ ८. सर्वज्ञसाधक हेतुके निर्दोषपने की पुष्टि १४. गुणगुणीअभेदसिद्धि १-७० १. अनुमान से गुण- गुणीअभेद साधन Ε २. समवायसे अभेदबुद्धि होनेकी आशंका और उसका निराकरण १८ .... १ २-६ www.jainelibrary.org
SR No.003653
Book TitleSyadvadasiddhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarbarilal Nyayatirth
PublisherManikchand Digambar Jain Granthamala Samiti
Publication Year1950
Total Pages172
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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