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उद्वेश! परोपकाराय सतां विभूतयः
-शांतमूर्ति परमोपकारी मुनिमहाराज १०८ श्री "हंसविजयजी" महाराजके सदुपदेश से, अहमदाबाद निवासी सेठ जमनाभाई भगुभाई ने अपने न्यायोपार्जित शुभ द्रव्य से "तीर्थाधिराज श्री सिद्धाचल जी" का पट्ट-नकशा बनवा कर श्रीसंघ लाहौर (पंजाब) को दर्शनार्थ भेट भेजा है, जिसकी बाबत श्रीसंघ लाहौर, पूर्वोक्त मुनिमहाराज के चरणों में "वंदना" पूर्वक और सेठजी साहब को "श्रीजयजिनेश्वरदेव" पूर्वक अनेकशः धन्यवाद देता है।
पूर्वोक्त पट्ट के शहर लाहौर में पहुंचने पर " श्रीवात्मानंद जैन सभा लाहौर' की तर्फ से, चतुर्मास स्थित मुनिमहाराज १०८ श्री "वल्लभविजयजी" (कि जिनके प्रतापसे यह पूर्वोक्त लाभ हमको प्राप्त हुआ है) की सेवा में प्रार्थना की गई कि, पट्ट के दर्शन समय जो विधि विधान प्रचलित है वह सब प्रायः गुजराती भाषा में है कि, जिस भाषा को हम पूर्णतया ठीक ठीक समझ नहीं सकते और विना समझ के जो भावोल्लास होना चाहिये नहीं हो सकता, अतः कृपया आप ऐसी योजना कर देवें कि, जो केवल हमको ही नहीं कुल पंजाब के, बलकि गुजरात काठियावाड़ के सिवाय अन्यत्र सारे हिंदुस्तान के श्री जैन संघ को फायदा दे सके। गुजरात काठियावाड़ का श्रीसंघ
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