________________
जैन शास्त्रों की असंगत माते ! को जांच की कसौटी पर कसना कोई कठिन उलझन नहीं है। हम यहां इसी बात को लेकर परीक्षण आरम्भ करेंगे कि कथित ३४३ घन रज्जू का हिसाब कहां तक एक गणित-सत्य ( mathematical truth) है।
लोक का आकार तीन तरह से व्यक्त किया जा सकता है, जो नं० १, २, ३, के रूप में नीचे दिखाया गया है :
म
अ
न०१
न०२
अ
न०३
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org