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________________ प्रतिक्रमण सूत्र । विधियाँ। प्रभातकालीन सामायिक की विधि। दो घड़ी रात बाकी रहे तब पौषधशाला आदि एकान्त स्थान में जा कर अगले दिन पडिलेहन किये हुए शुद्ध वस्त्र पहिन कर गुरु न हो तो तीन नमुक्कार गिन कर स्थापनाचार्य स्थापे । बाद खमासमण दे कर 'इच्छाकारेण संदिसह भगवन्' कह कर 'सामायिक मुहपत्ति पाडलेहुँ!' कहे । गुरु के 'पडिलेहेह' कहने के बाद 'इच्छं' कह कर खमासमण दे कर मुहपत्ति का पडिलेहन करे । फिर खड़े रह कर खमासमण दे कर 'इच्छा' कह कर 'सामायिक संदिसाहुँ ?' कहे । गुरु 'संदिसावेह' कहे तब 'इच्छं' कह कर फिर खमासमण दे कर 'इच्छा' कह कर, 'सामायिक ठाउँ ?' कहे । गुरु के 'ठाएह' कहने के बाद 'इच्छं' कह कर खमासमण दे कर आधा अङ्ग नमा कर तीन नमुक्कार गिन कर कहे कि 'इच्छकारि भगवन् पसायकरी सामायिक दण्ड उच्चरावो जी' । तब गुरु के 'उच्चरावेमो' कहने के बाद 'करेमि भंते सामाइयं' इत्यादि सामायिक सूत्र तीन वार गुरुवचन-अनुभाषण-पूर्वक पढ़े । पीछे खमासमण दे कर 'इच्छा' कह कर 'इरियावहियं पडिक्कमामि ?' कहे । गुरु 'पडिक्कमह' कहे तब 'इच्छं' कह कर 'इच्छामि पडिक्कमिउं इरियावहियाए' इत्यादि इरियावाहिय करके एक लोगस्स का काउस्सग्ग कर तथा 'नमो अरिहंताणं' कह कर उस को पार कर प्रगट लोगस्स कहे। Jäin Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003649
Book TitlePanch Pratikraman
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSukhlal Sanghavi
PublisherAtmanand Jain Pustak Pracharak Mandal
Publication Year1921
Total Pages526
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Paryushan
File Size17 MB
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