SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 261
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भरहेसर की सज्झाय । ... ११..प्रभावती-उदायन राजर्षि की पट्टगनी और चेडा मरेश की पुत्री। भाव पृ०६७६ ।। . २०. चेलुणा-श्रेणिक की पट्टरानी, वेडा महाराज की पुत्री और भगवान महावीर की परम-श्राविका। -प्राव. पृ०६५ तथा ६७४-६७७ । २१. ग्रामी-भरत चक्रवर्ती की बहिन । -आव० नि० गा० १६६ तथा पृ०१५ : २२. सुन्दरी-बाहुबली की सहोदर बहिन । इस ने ६०००० वर्ष तक मायंपिल की कठोर तपस्या की थी। -प्राव०नि० पृ०००। २३. रुक्मिणी-यह एक सती स्त्री हुई, जो कृष्ण की स्त्री सक्मिणी से भिन्न है। २४. रेवती-भगवान् वीर की परम-भाविका । इस ने भगवान को भाव-पूर्वक कोला-पाक का दान दिया था। यह प्रागामी चौबीसी में सत्रहवा तीर्थकर होगी। -भगवती गतक १७ । . २५. कुन्ती-पाण्डवों की माता । -साता अध्ययन १६ । २६. शिवा-चण्डप्रद्योतन नरेश की धर्म-पत्नी और बेटा महाराज की पुत्री। -पाव०पू० ६७६ । २७. जयन्ती-उदायन राजर्षि की बुना (फूफी) और भगवान् वीर की विदुषी श्राविका । इसने भगवान् से अनेक महत्त्व-पूर्ण प्रभ -भगवती शतक १२, उहेश २। २८. देवकी-वसुदेव की पत्नी और श्रीकृष्ण की माता। २६. द्रोपदी--पाण्डवों की खी। -भाता अध्ययन १६ । ३०. धारिणी-चन्दनवाला की माता ।-प्राव०पू०१७॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003649
Book TitlePanch Pratikraman
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSukhlal Sanghavi
PublisherAtmanand Jain Pustak Pracharak Mandal
Publication Year1921
Total Pages526
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Paryushan
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy