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॥ श्री ॥ ॥ श्रीवीतरागाय नमः ॥
अज्ञानतिमिरभास्कर.
प्रथम खंड.
इस प्रथम की प्रवेशिकामें इस प्रथम खंममें प्रवेश करनेके वास्ते जो जो विषयकी आवश्यकता थी सो सो विषय लिख दिया है. अब वेदमें क्या लिखा है आदि सर्व दकीकत उक्त वेदांकी श्रुतियों का प्रमाण सहित लिखा जायगा.
डाक्तर दोग साहेबने ऐतरेय ब्राह्मण शुद्धि करके गप्पा है तिसमें अग्रिका स्थापन, ऋत्विजका वर्णन सो सर्व इस तरें
जानना.
१ श्राहवनीय ४ शामित्रामि
१ श्रध्वर्यु a नन्नेत्ता
७ ब्राह्मणासी
१० प्रष्टावाक १३ प्रति
१६ ब्रह्मा १७ सोमक्रयी
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अनिका नाम.
२ गाईपत्य
पुरोदितनेद.
२ प्रतिप्रस्थाता
५ होता
८ नेष्टा
११ नगाता
१४ सुब्रह्मण्य
१७ सदस्य
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३ दक्षिणामि
३ अग्नीध
६ चैत्रावरुण पोता
१२ प्रस्तोता १५ ग्रावस्तोता
१८ शमिता
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