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________________ अज्ञानतिमिरनास्कर. करा होवे तिसके पति अर्थात् खसमका वध करना चाहिये. यज्ञमें ऐसे शास्त्रका नपदेशक और ऐसें यझोंका कराने वाला और करनेवाला जेकर अंग्रेजी राज वर्तमानमें होवेतो कवी सरकार फांसी दीया बिना न गेमे. परम कृपालु ईश्वरके मुखसे ऐसा हिंसक शब्द कदिनी न निकले. यह महाकालासुरकी ही महिमा है जो ऐसे हिंसक शास्त्र परमेश्वरके बनाये प्रसिह होजावे और मनुष्योंकी बलि देई जावे. राजे राजके और अन्यायके अंधकार कूपमें डुब जावे, किसीकी खबर न लेवे. मुंबई सरकारे बुकनंबर ३ए नाग २ जिसमें मनुष्यवध और बालहत्या विषयक सरकारमें मुकदमा पेश हुआ था, तिसके संबंधवाले कागजपत्र उप्पे हैं. तिनमें मुंबईके गवरनर साहेब ऑनरेबल मंकनको कर्नल वाकर वडोदराके रेसीमंट साहिबने ताण १६ मार्च १ का रिपोर्ट करा है तिसमें कलम ० है तिसकी ताजीकलममें पत्रे ३६ में करामा ब्राह्मणोकी मनुष्य बलि करनेकी चाल विस्तारसें लिखी है. ऐसी रीत बहुत ठिकाने हिंऽस्तानमें थी तिसके बंद करनेकों सरकारने बहुत प्रयत्न करा है. नागपुर, जबलपुर, गुमसूर परगणेमें खोम लोक है वो मनुष्यबलि करते है. ते ऐसे समजते हैकि ऐसी बलि करा बिना वर्षा नहीं होवेगी, खेती नहीं पक्केगी. आदमीकों बांधके तिसके गिरदनवाह हजारों आदमी शस्त्र लेके तिसके अंगके टुकडे काढ लेते है. इसको मेरियां पूजा कहते है. सती होनेका सती होनाली ब्राह्मणोंनेही चलाया है. तिसका चाल ब्राह्मणो में उप्तन्न भया दाखला-१७१६ से १श्व तक तिन नव वर्षोमें है. ६६३२ विधवा बल मरी. बझी बमी इमारते बनाते हुए कितनेही मनुष्य ब्राह्मणोंके बताने मुझब जीते गाड देतेथे. वास्तुशास्त्रमेंनी बलि करनी लिखी है. केई पर्वतोंसे गिरके मरतेथे, हिमालयसें गलतेथे, काशी करवत लेतेथे, जलमें मूबके मर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003648
Book TitleAgnantimirbhaskar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayanandsuri
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1906
Total Pages404
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Vaad, & Philosophy
File Size22 MB
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