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सेंदमंगलं :- यह गॉव वन्दवासी से पश्चिम में है। यहाँ का मन्दिर प्राचीन है । यह मुस्लिम नवाब के सहयोग से निर्मित है। इसे फिर से नया बना रहे हैं। महासभा की सहायता मिली है। लोग यथाशक्ति दान देकर जीर्णोद्धार कर रहे हैं। काम अधूरा पड़ा है। गोपुर का काम पूरा हो चूका है बाकी काम होना है। धन का अभाव है। कई साल से वर्षा की कमी है। प्रतिमायें कमरे में विराजमान है। यहाँ जमीन से चार प्रतिमायें निकली है । मूलनायक आदिनाथ भगवान् है। धातु की प्रतिमायें है। यक्ष-यक्षिणियॉ भी है। यहाँ करीब २५ जैन श्रावकों के घर है । जीर्णोद्धार की आवश्यकता है।
ए5बूर :- यह वन्दवासी से ५ कि.मी. पर है। यहाँ जिनमन्दिर है । मूलनायक आदिनाथ भगवान् है । मन्दिर का थोड़ा जीर्णोद्धार हुआ है, शेष होना है। धातु की मूर्तियाँ है। शासन देवताओं की मूर्तियाँ भी है। ताड़पत्र के कुछ ग्रन्थ हैं । यहाँ श्रावकों के ३० घर है। धर्म की अभिरुचि ठीक है फिर भी धर्म प्रचार की आवश्यकता है।
आयलवाडी :- यह एउंबूर से ६ कि.मी. पर है। छोटा सा गाँव है, एक जिनमन्दिर है । मूलनायक आदिनाथ भगवान् है । इस मन्दिर का जीर्णोद्धार होकर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा हुई है। मन्दिर सुन्दर है। पाषाण की एवं धातु की प्रतिमायें है। शासन देवताओं की भी प्रतिमायें है । यहाँ करीब २० श्रावकों के घर है। धर्म के प्रति श्रद्धा साधारण है। धर्म का प्रचार करें तो और भी दृढ़ बन सकती है । महासभा का अनुदान दिया गया है।
विलुक्कं :- यह गाँव चित्तामूर के पास है । चित्तामूर से करीब ३ कि.मी. पर है । यह जिनमन्दिर है। मूलनायक पार्श्वनाथ भगवान् है । एक पार्श्वनाथ की प्रतिमा चॉदी से भी निर्मित है, अन्य
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