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________________ - श्रमण वंशवृक्ष ब्राह्मणोए शारदा सेवन त्यजी दीधुं, पण मंदिरो प्रतिमा आदिनी आशातना थवा छतां जैन साधुओ पोताना अभ्यासमा आसक्त रह्या ने शारदा देवीने अपूज न थवा दीधी. जो के आनी असर आ थई : प्राकृत अने संस्कृत भाषानुं महत्त्व जतुं रघु. वळी एवी भाषाने आश्रय आपनार हिंदु राजाओ तथा अमलदारोनो आश्रय जतो रह्यो. आथी तेना अभ्यासीओ पण ओछा थवा लाग्या. आथी प्राचीन भाषामा पठन पाठन बंध थयु. छतां देश भाषामां अने एम कहीए तो चाली शके के मूळ-गुजरातीमां धार्मिक कथानको, ज्योतिष, कर्मकांड वगेरे वस्तु लखावा लागी. मुसलमानो नाश करशे एवी बीके साधुओए ताडपत्रो अने ताम्रपत्रोने भंडारोनी अंदर पुरावी दीधा. आथी नवो सर्जननी शरुआत थई. साधुओए संस्कृत अने प्राकृतने छाडी दई गुजराती भाषामां गद्यमां अने पद्यमां रास, आख्यान अने कथा लखवां शरु करी दीघां. अंधाधुंधीना समयमां बीजी कोई पण सदी करतां वधारेमा वधारे भाषा साहित्य- सर्जन थयुं छे अने ए आश्चर्यनी वात छे. वळी एनी पण साथे नेांध लेवी जोईए के प्रबन्ध लखवानी रीति श्री हेमचन्द्राचार्ये दाखल करेली तेने आ युगमां वधु जोम मळ्युं अने तेथी विशेष प्रबन्ध लखावा शरु थया. देवेन्द्रसूरि अने विजयचंद्रसूरिना उपदेशथी अनेक ग्रन्थो ताडपत्र पर लखाया हता. तेमना पछी लगभग सो वर्षे श्री देवसुन्दरसूरिए तेमनाथी जुदी ज जातनुं पण सुन्दर कार्य कर्यु. देवसुन्दरमरि सोमतिलकसूरिना चार मुख्य शिष्योमांथी देवसुन्दरसूरि पाटे आव्या. तेओ महाप्रभाविक आचार्य हता. तेमणे साहित्यना पुनरुद्धार माटे करेली महेनत आश्चयकारक छे. अत्यार सुधी जे जे प्रन्थो ताडपत्रो पर हता तेने कागळ पर लखावी तेनो उद्धार कराव्यो. साहित्यना रक्षणनी तेमनी आ सेवा कांई जेवी तेवी नथी. तेमनी बीजी सेवा ते तेमणे उत्पन्न करेल तेमना विद्वान शिष्य समुदायनी छे. ज्ञानसागरसूरि तेमना ग्रन्थो आवश्यक पर अवचूर्णि, उत्तराध्ययन पर अवचूर्णि, ओधनियुकित पर अवचूरि, मुनिसुव्रतस्तव, घनौघ नवखंड पार्श्वनाथस्तव छे. ३ कुमारपाळना समयमा कागळनो प्रवेश थयो. सं. १३५६-५७मां कागळ पर लखायेल पुस्तक मळे छे. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003643
Book TitleTapagaccha Shraman Vansh Vruksh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayantilal Chottalal Shah
PublisherJayantilal Chottalal Shah
Publication Year
Total Pages142
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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