________________ अनत्तर योगी: तीर्थकर महावीर तीन खण्डों में 1000 पृष्ठ-व्यापी महाकाव्यात्मक उपन्यास प्रथम खण्ड: वैशाली का विद्रोही राजपुत्र : कुमार काल (प्रस्तुत) द्वितीय खण्ड: असिधारा-पथ का यात्री : साधना-तपस्या काल (मुद्रणाधीन) तृतीय खण्ड : तीर्थकर का धर्म-चक्र-प्रवर्तन : तीर्थंकर काल (द्वितीय खण्ड के उपरान्त प्रकाश्य) मूल्य : तीनों खण्डों का मूल्य रु. 60) : अग्रिम भेजने पर रु. 50) अलग-अलग प्रत्येक खण्ड का मूल्य रु. 20) श्री बीर निर्वाण अन्य प्रकाशन समिति 48, मीतलामाता बाजार, इन्दौर-२ Basicmary.org