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साथ मीलाकर खीलाते है । उसे चलीत रसके त्यागीओ को खास, और दूसरोंने भी ऐसी जगहपे भोजन करते पहिले सावधान रहेनेका विचार करना ।
श्रावकोंको इसतरह से वासी खीलाना वो ही ज अयोग्य बात है | अपना थोडासा नुकसान के लीए असंख्य जीवोका विनाश वो लोक कबुल करते हैं । अफसोस ! बन्धुओं ! उनने किंपाक समान कर्मका फल चखना पडेगा, तब बहुत पश्चत्ताप होगा । वास्ते समजो और अनादि की कुमति को दूर करो । जीस्से सुमति के संगसे स्वात्मका श्रेयः करके अविचल सुखवास प्राप्त कर सके, याने मोक्ष मील जाय ।
१८ दहिं - मुवे [ दूधमें खटाई डालके ] जमा हुआ दहिं सोलह प्रहर बाद अभक्ष्य हो जावे । और सांमके समय बना हुआ दहिं बारह प्रहर बाद अभक्ष्य होवे । जैसा सेन प्रश्न में कहा है ।
दृष्टांत सह - इतवार सवेरे सात आठ या दस बजे दहिं बनाने के लीए छांछ डाली हो, उनका काळ इतबारका सूर्य उदयसे हि गीनना. नहिकी - " दश बजे मीलाया हो याने उनके बाद १६ प्रहर " अर्थात् इतवार के अहो रात्रीके आठ प्रहर मील कर सोलह महर गिनना,
वो दहिं मंगळवार के सूर्योदय पहिले छांछ बना लेना चाहिए | व्हांसे सोलहप्रहर वो छांछका काळ समजना । वैसेही
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