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पर्वमाला
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सुविधि प्रभु संयम वर्या, मागशर वदि छठ जाण, पोष शुक्ल छठ दिवसे, विमल जिनेश्वर नाण...३... वरसीदान वरसी लीयो, संयम नेमि जिणन्द, श्रावण शुदि छठना दिने, नमत रवि मुनिचन्द...४...
सातम नु चैत्यवन्दन । आषाढ वदि दिन सातमे, विमल विमल जिनचंद, असित फाल्गुन सप्तमी, श्री सुपार्श्व जिणंद...१... कृष्ण भाद्रवा सप्तमी, चन्द्रप्रभु जगनाथ, समेतशिखर सिद्धि वर्या, बहु मुनि परिकर साथ...२... वैशाख शुदि श्रावण वदि, भाद्रवा वदि तिथि तेह, धर्म अनन्त शांति प्रभु, च्यवन कल्याण गणेह...३... अष्टम जिन घाति हणी, प्राम्या पचम नाण, फाल्गुन वदि दिन सप्तमी, रवि प्रणमे जगभाण...४...
अष्टमी - चैत्यवन्दन आबु गिरिवर अनंत महिमा, कोरणी भवि चित्त हरं, दुःख निवारण सुगति कारण, नमो आदि जिनेश्वरं...१ असित चैत्रे अष्टमी दिन, जन्म दीक्षा जिनवरं, अष्टमी आषाढ शुक्ले, परमपद नेमिश्वरं...२ माघ सित वैशाख जनम्या, अजित सुमति जिनवरं, फाल्गुन अष्टमी शुक्ल पक्षे, च्यवन सम्भव जिनवरं...३ अभिनन्दन मोक्ष पाम्या, माधव अष्टमी सितवरं, . मुनिसुव्रत जिननाथ जनम्या, जेठ वदि अष्टमी वरं...४
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