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तीर्थ-जिन विशेष ...
[११६] चोवीशमां श्री भद्रकृत, भावि चोवीशी अह, श्री शुभवीरने सांईशं, अविहड धर्म सनेह...४...
चोवीश जिननां नामना चैत्यवंदन
आदिनाथ अजित देव, संभव गुण भंडार, अभिनंदन सुमति नम, पद्मप्रभ सुखकार...१... स्वामी सुपास सोहामणा, चंद्रप्रभु जिनराज, सुविधि शीतल सेवीये, श्री श्रेयांस शिरताज...२... बासुपूज्य विमल प्रभु, अनंत धर्म अरिहंत, थो शांति प्रभु सोलमा, आपे भवनो अंत...३... कुंथु अर संभारतां, दुरित सकल मिट जाय, मुनिसुव्रत नमि नेमिनाथ, आनंद मंगल थाय...४... पार्श्वनाथ त्रेवीसमा, वर्धमान जिन भाण, चोवीसे चित्त धारतां, लहिये क्रोड कल्याण...५...
(२) ऋषभ अजित संभब नमो, अभिनंदन जिनराज, सुमति पद्म सुपास जिन, चंद्रप्रभु महाराज...१ मुविधि शीतल श्रेयांस जिन, वासुपूज्य सुखवास, विमल अनंत श्री धर्म जिन, शांतिनाथ पूरे आस...२ कंथ अर ने मल्लि जिन, मुनिसुव्रत जगनाथ, नमि नेमि पारस वीर, साचो शिवपुर साथ...३ द्रव्य भावथी सेवीओ, आणी मन उल्लास, आतम निर्मल कीजिओ, पामीजे शिववास...४
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