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________________ परिशिष्ट : ४-शब्दविमर्श: शब्दानुक्रम ४११ २४३ ३२७ यथापाण्डुर युगवान् युग्य २३७ mum २४३ २७७ २६,३२५ २६ ३१७ १८० ७४ १७७ २३९ २४४ له २३९ पाताल पाद पुरानी शराब, पुराना गुड पुष्करिणी पुस्तकम पृथ्वी पृष्ठयन्तर प्रतिपूर्ण प्रतिपूर्ण घोषयुक्त प्रत्यक्ष प्रमाण प्रयोगपरिणामित द्रव्य प्रशस्त भावोपक्रम प्राकार प्राग्भार प्राप्तार्थ प्राभूत प्राभूतप्राभृतिका प्राभृतिका प्राय:वैधर्म्य प्रासाद प्लवन फुल्लुप्पल-कमल-कोमलुम्मिलियम्मि बालाग्र बाहुलेय बिलपंक्तिका ब्राह्मणी भरकर भवन भवनप्रस्तट २७७ له २३९ ل ل ३२७ ३२७ ل २३८ кл л л ل ل २७७ ३२ २४४ २४४ m यूपक राजा, युवराज लंघन लक्षण लयन लेप्याकृति लेश्या लोकोत्तरिक भावावश्यक लोप लौकिक भावावश्यक लोहकटाह लोही वक्षस्कार वन वनराजि वनषण्ड वर्ष वर्षधर पर्वत वस्तु वस्तु विनाश वापी विजय विपर्यस्त अक्षर न होना विमान विरुद्ध विष्कम्भ वृद्धश्रावक वेला वेष्टक वेष्टितकर व्यंजन व्यपगत च्युत च्यावित त्यक्त देह शय्यागत शरण शाबलेय शिखरी शिला शिविका २० २४४ ३४ भाग २४ भाण्ड २३९ Nm MUsm o Mr or ".orm, r""omorrrrom Mm " ० ० . 9/rum ३४ भाव भावनाभावित भिक्षाजीवी २४४ ३२७ r . मन or महापथ महिका माडम्बिक मित कर लिया मुखधावन आदि मेधावी यक्षादीप्त २७७ ३७९ १८१ २३९ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003627
Book TitleAgam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Anuogdaraim Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages470
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_anuyogdwar
File Size24 MB
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