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आठवां प्रकरण : सूत्र ३५५-३६५
२०५ भंडवेयालिए कोलालिए। से तं सिकः भाण्डवैचारिकः कौलालिकः । व्यापार करने वाला । सौत्रिक सूत्र (धागे) कम्मनामे॥ तदेतत् कर्मनाम ।
का व्यापार करने वाला । कासिक-कपास का व्यापार करने वाला । भाण्डवैचारिकबंजारा और कौलालिक-मिट्टी के बर्तनों का
का व्यापार करने वाला । वह कर्म नाम है। ३६०. से कि तं सिप्पनामे ? सिप्प- अथ किं तत् शिल्पनाम ? ३६०. वह शिल्प नाम क्या है ?
नामे-बत्थिए तंतिए तुन्नाए तंतु- शिल्पनाम-वास्त्रिकः तान्त्रिक: शिल्प नाम-वास्त्रिक [वस्त्र बनाने वाला], वाए पट्टकारे देअडे वरुडे मुंजकारे तुन्नवायः तन्तुवाय: पट्टकारः 'देअ.' तान्त्रिक [बुनकर], तुन्नवाय [रफू करने कट्रकारे छत्तकारे वज्झकारे पोत्थ- बरुट मुजकारः काष्ठकारः छत्र- वाला], तन्तुवाय [जुलाहा], पट्टकार [दुशाला कारे चित्तकारे दंतकारे लेप्पकारे कारः वर्धकारः पुस्तकारः चित्रकारः बनाने वाला], दृतिकार [मशक बनाने कोट्टिमकारे। से तं सिप्पनामे ॥ दन्तकार: लेप्यकार: कुट्टिमकारः । वाला], वरुट [छाब बनाने वाला], मुञ्जकार तदेतत् शिल्पनाम ।
[मुञ्ज बनाने वाला], काष्ठकार [काष्ठ का काम करने वाला], छत्रकार [छत्र बनाने वाला], वर्धकार [बाध-चर्म रज्जु बनाने वाला], पुस्तककार, चित्रकार, दंतकार [हाथी दांत का शिल्पी], लेप्यकार [प्रतिमा बनाने वाला], कुट्टिमकार, [पक्का फर्श बनाने
वाला] । वह शिल्प नाम है। ३६१. से कि तं सिलोगनामे ? अथ कि तत् श्लोकनाम? ३६१. वह श्लोक नाम क्या है ?
सिलोगनामे-समणे माहणे सवा- श्लोकनाम-श्रमणः माहन: सर्वातिही। से तं सिलोगनामे ॥ तिथिः । तदेतत् श्लोकनाम ।
तिथि । वह श्लोक नाम है।
३६२. से कि तं संजोगनामे ? संजोग- अथ किं तत् संयोगनाम ?
नामे-रणो ससुरए, रणो संयोगनाम-राज्ञः श्वसुरक:, राज्ञः जामाउए, रणो साले, रणो जामातकः, राज्ञः श्याल:, राज्ञः भाउए, रणो भगिणीवई। से तं भ्रातृकः, राज्ञः भगिनीपतिः । तदेतत् संजोगनामे ।।
संयोगनाम ।
३६२. वह संयोग नाम क्या है ?
संयोग नाम-राजा का श्वसुर, राजा का दामाद, राजा का साला, राजा का भाई, राजा का बहनोई । वह संयोग नाम है।
३६३. से कि तं समोवनामे ? समीव- अथ कि तत् समीपनाम?
नामे-गिरिस्स समीवे नगरं समीपनाम - गिरेः समीपे नगरं गिरिनगरं, विदिसाए समीवे नगरं गिरिनगरं, विदिशाया: समीपे नगरं वेदिसं, वेन्नाए समीवे नगरं वेन्ना- वैदिशं, वेन्नायाः समीपे नगरं वेन्नायड, तगराए समीवे नगरं तगरा- तटं, तगरायाः समीपे नगरं तगरायडं । से तं समीवनामे ॥ तटं । तदेतत् समीपनाम ।
३६३. वह समीप नाम क्या है ?
समीप नाम-गिरी के समीप का नगर--- गिरिनगर ।
विदिशा के समीप का नगर -वैदिश । वेन्ना के समीप का नगर-वेन्नातट ।२४
तगरा के समीप का नगर-तगरातट ।" वह समीप नाम है।
३६४. से कि तं संजूहनामे ? संजह- अथ किं तत् संयूथनाम ?
नामे-तरंगवतिकारे मलयवति- संयुथनाम-तरंगवतीकारः मलयकारे अत्ताणुसट्टिकारे बिंदुकारे। वतीकारः आत्मानुशिष्टिकारः बिन्दुसे तं संजहनामे॥
कारः । तदेतत् संयूथनाम ।
३६४. वह संयूथ नाम क्या है ?
संयूथ नाम-तरंगवतीकार", मलयवतीकार", आत्मानुशिष्टिकार" और बिन्दुकार। वह संयूथ नाम है।
३६५. से कि
तं इस्सरियनामे ?
अथ किं तद् ऐश्वर्यनाम ?
३६५. वह ऐश्वर्य नाम क्या है ?
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