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सातवां प्रकरण
मूल पाठ
संस्कृत छाया
हिन्दी अनुवाद
उवक्कमाणुओगदारे नाम-पदं
उपक्रमानुयोगद्वारे नाम-पदम् उपक्रम अनुयोगद्वार-नाम-पद २४६. से कि तं नामे ? नामे दसविहे अथ किं तद् नाम ? नाम दश- २४६. वह नाम क्या है ?
पण्णत्ते, तं जहा-एगनामे दुनामे विधं प्रज्ञप्त, तद्यथा--एकनाम द्विनाम नाम के दस प्रकार प्रज्ञप्त हैं, जैसे--एकतिनामे चउनामे पंचनामे छनामे त्रिनाम चतुर्नाम पञ्चनाम षण्णाम नाम, द्विनाम, त्रिनाम, चतुर्नाम, पंचनाम, सत्तनामे अटूनामे नवनामे सप्तनाम अष्टनाम नवनाम दशनाम । षड्नाम, सप्तनाम, अष्टनाम, नवनाम और दसनामे ॥
दसनाम।
एगनाम-पदं २४७. से कि तं एगनामे ? एगनामे
एकनाम-पदम्
अथ कि तद् एकनाम? एक- नाम
गाथानामानि यानि कानि अपि, द्रव्याणां गुणानां पर्यवाणाञ्च । तेषाम् आगम-निकषः,
नाम इति प्ररूपिता संज्ञा ॥१॥ --तदेतद् एक नाम ।
एकनाम-पद २४७. वह एक नाम क्या है ?
एकनाम-द्रव्यों, गुणों और पर्यायों के जितने नाम हैं, उनकी आगम-निकष पर 'नाम' यह संज्ञा प्ररूपित की गई है। वह एक नाम है।
गाहानामाणि जाणि काणि वि, दव्वाण गुणाण पज्जवाणं च । तेसि आगम-निहसे, नामंति परूविया सण्णा ॥१॥
-से तं एगनामे ॥
दुनाम-पदं
द्विनाम-पदम् २४८. से कि तं दुनामे ? दुनामे दुविहे अथ कि तद् द्विनाम ? द्विनाम
पण्णत्ते, तं जहा-एगक्खरिए य द्विविधं प्रज्ञप्तं, तद्यथा-एकाक्षरि- अणेगक्खरिए य॥
कञ्च अनेकाक्षरिकञ्च ।
द्विनाम-पद २४८. वह द्विनाम क्या है ?
द्विनाम के दो प्रकार हैं, जैसे-एक अक्षर वाला और अनेक अक्षर वाला।'
२४६. से कि तं एगक्खरिए ? एगक्ख- अथ कि तद् एकाक्षरिकम् ? रिए अणेगविहे पण्णत्ते, तं जहा- एकाक्षरिकम् अनेकविधं प्रज्ञप्तं, होः श्री: धीः स्त्री। से तं तद्यथा-ह्रीः श्रीः धीः स्त्री। तदेएगक्खरिए॥
तद् एकाक्षरिकम् ।
२४९. वह एक अक्षर वाला नाम क्या है ?
एक अक्षर वाले नाम के अनेक प्रकार प्रज्ञप्त हैं, जैसे-ह्री, श्री, धी और स्त्री। वह एक अक्षर वाला नाम है।
२५०. से कि तं अणेगक्खरिए? अथ कि तद् अनेकाक्षरिकम् ?
अणेगक्खरिए अणेगविहे पण्णत्ते, अनेकाक्षरिकम् अनेकविधं प्रज्ञप्त, तं जहा-कण्णा वीणा लता तद्यथा-कन्या वीणा लता माला। माला। से तं अणेगक्खरिए॥ तदेतद् अनेकाक्षरिकम् ।
२५०. वह अनेक अक्षर वाला नाम क्या है ?
अनेक अक्षर वाले नाम के अनेक प्रकार प्रज्ञप्त हैं, जैसे- कन्या, वीणा, लता और माला । वह अनेक अक्षर वाला नाम है।
२५१. अहवा दुनामे दुविहे पण्णत्ते, त अथवा द्विनाम द्विविधं प्रज्ञप्तं, २५१. अथवा द्विनाम के दो प्रकार प्रज्ञप्त हैं,
जहा-जीवनामे य अजीवनामे तद्यथा-जीवनाम च अजीवनाम जैसे--जीव नाम और अजीव नाम । य ॥
च।
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