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________________ तपो मार्ग-गति (३) ठाणं, २।४११ - ४१६ – बाल-मरण (४) भगवई, २।१ वलय मरण वशार्त मरण निदान मरण तद्भव मरण गिरि-पतन तरु पतन पादपोपगमन जल-प्रवेश अग्नि प्रवेश विष-भक्षण शस्त्रावपाटन वैहायस गृद्ध स्पृष्ट बाल-मरण ५१७ मरण (५) भगवई, २५1५५९-५६३ इत्वरिक I चौदह भेद ( औपपातिक की भांति ) (६) समवाओ, १७ Jain Education International जल-प्रवेश अग्नि प्रवेश विष-भक्षण शस्त्रावपाटन वैहायस गृद्ध स्पृष्ट मरण वलय-मरण वशार्त-मरण अंत शल्य मरण तद्भव-मरण गिरि पतन तरु पतन पदपोपगमन अनशन पादपोपगमन अध्ययन ३० : श्लोक १२-१३ टि० ४ मरण For Private & Personal Use Only निर्धारिम अनिर्धारिम (नियमतः अप्रतिकर्म) पण्डित-मरण यावत्कथिक निर्धारिम अनिर्धारिम (नियमतः अप्रतिकर्म) भक्त-प्रत्याख्यान निहरिम अनिहरिम (नियमतः प्रतिकर्म) पण्डित-मरण भक्त-प्रत्याख्यान निर्हारिम अनिर्हारिम ( नियमतः सप्रतिकर्म) आवीचि मरण अवधि मरण आत्यन्तिक-मरण वलय-मरण वशार्त-मरण अन्तःशल्य-मरण तद्भव मरण बाल-मरण पंडित-मरण बालपंडित मरण अद्मस्थ-मरण केवली मरण वैहायस - मरण गृद्धस्पृष्ट-मरण भक्त-प्रत्याख्यान इंगिनी मरण पादपोपगमन उपर्युक्त नाम स्थानांग और भगवती से कुछ भिन्न हैं । २. इंगिनी और ३. पादपोपगमन 1 इनमें अनशन के तीन प्रकार हैं- १. भक्त-प्रत्याख्यान, मूलाराधना में अनशन के अधिकारी का वर्णन है। इसके भक्त प्रत्याख्यान (स्थानांग की भांति ) www.jainelibrary.org
SR No.003626
Book TitleAgam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Uttarajjhayanani Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2006
Total Pages770
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_uttaradhyayan
File Size25 MB
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