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दसवेआलियं ( दशवकालिक )
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अध्ययन ४: आमुख समाप्त हो जाता है। जीवाजीवाभिगम, प्राचार, धर्म-प्रज्ञप्ति, चरित्र-धर्म, चरण और धर्म-ये छहों 'षड्जीवनिका' के पर्यायवाची शब्द हैं :
जीवाजीवाभिगमो, अायारो चेव धम्मपन्नती।
ततो चरित्तधम्मो, चरणे धम्मे अ एगट्ठा ॥ (दश० नि० ४.२३३) मुक्ति का आरोह-कम जानने की दृष्टि से यह अध्ययन बहुत उपयोगी है। नियुक्तिकार के मतानुसार यह आत्म-प्रवाद (सातवें) पूर्व से उद्धृत किया गया है-.
पायप्पवायपुब्वा निब्बूढा होइ धम्मपन्नत्ती॥ (दश ० नि० १.१६)
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