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शिष्य भिक्षा का दान-पद
थावच्चापुत्र द्वारा प्रव्रज्या ग्रहण-पद की अनगार चर्या - पद थावच्चापुत्र थावच्चापुत्र का जनपद विहार- पद शैलकराज पद
शैलक द्वारा गृहस्थ धर्म का स्वीकरण-पद
शैलक की श्रमणोपासक चर्या-पद सुदर्शन श्रेष्ठी-पद
शुक परिव्राजक पद
शौचमूलक धर्म-पद
सुदर्शन द्वारा शौचमूलक धर्म की प्रतिपत्ति-पद
धावच्यापुत्र का सुदर्शन के साथ संवाद-पद सुदर्शन द्वारा विनयमूलक धर्म की प्रतिपत्ति-पद
शुक द्वारा सुदर्शन को प्रतिसंबोध प्रयत्न- पद शुक का थावच्चापुत्र के साथ संवाद - पद सरिसवय की भक्ष्याभक्ष्यता- पद कुलस्थों की भक्ष्याभक्ष्यता-पद मासों (माषों) की भक्ष्याभक्ष्यता- पद अस्तित्व-प्रश्न-पद
हजार परिव्राजकों के साथ
शुक का प्रव्रज्या पद
शुक का जनपद विहार- पद
याच्यापुत्र का परिनिर्वाण- पद
शैलक का अभिनिष्क्रमण अभिप्राय-पद
मंडुक का राज्याभिषेक पद शैलक का निष्क्रमण-अभिषेक-पद
शैलक का प्रव्रज्या पद शैलक का अनगार-चर्या-पद
शुक का परिनिर्वाण पट
शैलक का रोगांतक पद
शैलक का चिकित्सा पद
शैलक का प्रमत्त विहार-पद
साधुओं द्वारा शैलक का परित्याग-पद
पन्चक द्वारा चातुर्मासिक क्षमापना पद शैलक का कोप-पद
शैलक का अभ्युद्यत विहार-पद
निक्षेप-पद
टिप्पण
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गाथा व सूत्र सूत्र ३० - ३३
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छठा अध्ययन : तुंब
उत्क्षेप-पद
गुरुत्वत्व पद निक्षेप - पद
सप्तम अध्ययन रोहिणी
उत्क्षेप-पद
धन सार्थवाह पद
धन द्वारा परीक्षा प्रयोग-पद
परीक्षा परिणाम पद
निक्षेप-पद
टिप्पण
आठवां अध्ययन : मल्ली
उत्क्षेप-पद
बलराज पद
महाबल राजा-पद
महाबल आदि की प्रव्रज्या पद
महाबल का तपोविषयक माया-पद
संग्रहणी गाथा
महाबल आदि का विविध तपश्चरण-पद समाधिमरण-पद
प्रत्यागमन-पद
मल्ली के रतिचर का निर्माण- पद
प्रतिबुद्धिराज -पद
चन्द्रच्छायराज पद
रुक्मि राज पद शंखराज-पद
अदीनशत्रुराज-पद
जितशत्रुराज-पद
दूतों द्वारा सन्देश निवेदन- पद
कुम्भ द्वारा दूतों का असत्कार - पद जितशत्रु प्रमुखों का कुम्भ के साथ युद्धमल्ली द्वारा चिन्ता का कारण पृच्छा-पद
कुम्भ द्वारा चिन्ता का कारण कथन-पद मल्ली द्वारा उपाय निरूपण-पद
मल्ली द्वारा जितशत्रु प्रमुखों को संबोध-पद जितशत्रु प्रमुखों का जाति - स्मरण - पद
मल्ली की प्रव्रज्या पद
मल्ली का केवलज्ञान-पद
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गाथा व सूत्र
सूत्र
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