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________________ मेघ का जातिस्मरण-पद मेघ का समर्पणपूर्वक पुनः प्रव्रज्या पद मेम का निर्ग्रन्धचर्या-पद मेघ का भिक्षु प्रतिमा-पद मेघ का गुणरत्न संवत्सर-पद मेघ की शरीर-दशा का वर्णन-पद मेघ का विपुल पर्वत पर अनशन-पद मेघ का समाधि मरण-पद स्थविरों द्वारा मेघ के आचार-भाण्ड का समर्पण-पद गौतम के प्रश्न का भगवान द्वारा उत्तर-पद निक्षेप-पद वृत्तिकार द्वारा समुद्धृत निगमनगाथा टिप्पण दूसरा अध्ययन : संघाटक उत्क्षेप-पद धन सार्थवाह-पद विजय- तस्कर-पद भद्रा का संतान- मनोरथ-पद भद्रा के देवदत्त पुत्र का प्रसव-पद देवदत्त का क्रीड़ा पद देवत्त का अपहरण पद देवदत्त का गवेषणा- पद विजय तस्कर का निग्रह-पद देवदत्त का निर्हरण-पट धन का निग्रह पद धन के घर से आहार - आनयन-पद विजय तस्कर द्वारा संविभाग मार्गणा - पद धन द्वारा उसका निषेध-पद देहचिंता से आबाधित धन को विजय तस्कर की अपेक्षा पद विजय तस्कर द्वारा उसका निषेध-पद धन के पुनः कहने पर विजय द्वारा संविभाग मार्गणा पद धन द्वारा विजय को संविभाग- दान-पद पन्थक द्वारा बात को बढ़ा-चढ़ाकर भद्रा से निवेदन-पद भद्रा का कोप - पद धन की कारागृह से मुक्ति-पद धन का सम्मान-पद Jain Education International गाथा व सूत्र सूत्र १६० " " १६१-१६३ १६४-१६५ १६६-१६८ १६६-२०१ २०२ '२०३-२०७ २०८ २०६ 23 33 "" " "" 17 सूत्र १-६६२ "" ७-१० ११ १२-१५ १६-२४ २५-२७ २८ २६-३२ "" 71 "3 "" "" "1 "" 31 27 :: 22 37 २१०-२१२ २१३ गाथा १ 27 (xviii) पृष्ठ ५२ ५३ ५३ ५४ ५४ ५६ ५६ ५८. ५६ ५६ ६० ६० ६१-६० ६२ ६३ ६४ ६६ ६८ ξς Ετ ३३ १०० ३४ १०१ ३५-३६ १०१ ३७-३८ १०१ ३६ १०१ ४०-४२ १०२ ४३-४४ १०२ ४५-४६ १०२ ४७-५१ १०२ ५२-५४ १०३ ५५-५६ १०३ ५७ १०४ ५८ १०४ ५६-६० १०४ भद्रा के कोप का उपशमन और अपूर्व सम्मान-पद विजय ज्ञात का निगमन-पद धन- ज्ञात का निगमन-पद निक्षेप-पद टिप्पण तीसरा अध्ययन : अंड उत्क्षेप-पद मयूरी अण्ड पद सार्थवाह-पुत्र-पद देवदत्ता गणिका - पद सार्थवाह पुत्रों का उद्यान फ्रीड़ा-पद सार्थवाह पुत्रों द्वारा मयूरी के अण्डों का आनयन पद सागरदत्त - पुत्र का सन्देह के द्वारा अण्डविनाश-पद जिनदत्त-पुत्र की श्रद्धा से मयूर उपलब्धि- पद निशेष-पद टिप्पण चौथा अध्ययन : कूर्म उत्क्षेप-पद पाप शृगालक पद कूर्म-पद दुष्ट शृगालों द्वारा आहार - गवेषण-पद कूर्मों द्वारा संहरण-पद अगुप्त कूर्म का मृत्यु-पद गुप्त कूर्म का सौख्य-पद निक्षेप-पद टिप्पण पांचवां अध्ययन : शैलक उत्क्षेप-पद थावण्यापुत्र-पद अरिष्टनेमि का समवसरण-पद कृष्ण द्वारा पर्युपासना-पद थावच्चापुत्र का प्रव्रज्या संकल्प - पद कृष्ण और थावच्चापुत्र का परिसंवाद-पद कृष्ण का योगक्षेम घोषणा पद थावच्चापुत्र का अभिनिष्क्रमण-पद For Private & Personal Use Only गाथा व सूत्र सूत्र ६१-६६ ६७-६८ " ६६-७६ 77 सूत्र १-४ " ५ RARR "" 33 " 22 " "" 33 सूत्र १-५ "" ६ ७ " " १०५ १०६ ७७ १०७ १०८ - १०६ "" ६-७ 11 て ६-१६ १७-२० २१-२४ 3 सूत्र १-६ " ७-६ २५-३४ पृष्ठ १०४ ११६ ३५ ११८ १२०-१२१ ११२ ११२ ११२ ११३ ११३ ११५ ११५ १२४ १२४ १२४ ८-६ १२५ १०-१२ १२५ १३-१८ १२५ १६-२२ १२७ २३ १२८ १२६ १३२ १३३ 90-99 १३३ १२-१७ १३४ १८-२१ १३६ २२-२५ १३६ २६ १३७ २७-२६ १३७ www.jainelibrary.org
SR No.003624
Book TitleAgam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Nayadhammakahao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2003
Total Pages480
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_gyatadharmkatha
File Size17 MB
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