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________________ क. १ १ १ १ १ १ १ १ १ १ मृ. १ १ १ १ १ १ १ १ गु. १ १ १ Jain Education International १ १ १ १ १ १ १ ल. १ ५५३. देश कर्कश देश मृदु जान, देश शीत देश उष्ण होय, ५५४. इम गुरु एक वच जेह १ १ १ १ १ १ ३ शी. १ १ १ १ १ ३ उ. १ १ १ ३ ३ ३ नि. ३ ३ ३ १ १ ३ ३ १ ३ १ ३ ५५२. देश गुरु देश लघु जोय, बिहुं इक वच करि अवलोय । चिहुं चउक करी सुविचार, कह्या षोडश भांगा सार ॥ ३ १ गुरु एक वचन लघु बहु वचन करी १६ भांगा हुवै, तिणमें प्रथम भांगो कहै छ देश गुरु देशा लहुया मान । देश निद्ध देश लुक्ख जोय ॥ लघु बहु वचने करि तेह चिउं चउक करी सुविचार, करिवा सोलं भांगा सार ।। हि गुरु बहु वचन लघु एक वचन करि १६ भांगा हुवै, तेहनों प्रथम भांगो कहे - ५५५. देश कर्कश देश मृदु जान, देशा गुरुया देश लघु मान । देश शीत देश उष्ण तास, देश निद्ध देश लुक्ख जास ।। ५५६. इम गुरुया बहुवचनेह, लघु इक वचने करि तेह। चिहुं चउक करीनें सुचंग, वारू करिवा सोलं भंग ॥ हि गुरु लघु बहु वचन करि १६ भांगा हुवै, तेहनों प्रथम भांगो कहै - ५५७. देश कर्कश देश मृदु जान, देशा गुरुया देशा लहुया मान । देश शीत देश उष्ण जोय, देश निद्ध देश लुक्ख होय ।। ५५८. इम गुरु लघु बहुवचनेह, चिहुं चउक्क करीनें एह । करिया षोडश भांगा सोब, सर्व चउसठ भांगा होय ॥ ५५२. एए चत्तारि चउक्का सोलस भंगा । ५५३. देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसा लहुया देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे, ५५४. एवं एते गए एमएलए पुहत्तएणं सोलस भंगा कायव्वा । ५५५. देसे कक्खडे देसे मउए देसा गरुया देसे लहुए देसे सीए देसे उसने देसे निद्धे देसे लुक्खे, ५५६. एए वि सोलस भंगा कायव्वा । ५५७. देसे कक्खडे देसे मउए देसा गरुया देसा 'लहुया देसे सीए देसे उसने देखे नि देसे नसे 1 ५५८. एते वि सोलस भंगा कर भंगा कायव्वा । सव्वेवेते चउसट्ठि एहि एगतएहि । श० २०, उ०५, डा० ४०२ ३३३ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003621
Book TitleBhagavati Jod 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages422
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size21 MB
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