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________________ ५३७. देश कर्कश देश मृदु जोय, देश देश शीत देश उष्ण देख, देश निद्ध ५३८. देश कर्कश देश मृदु जान, देश देश शीत देश उष्ण अंग, देशा ५३९. देश कर्कश देश मृदु जान, देश पीत देश उष्ण म्हाल, ५५०. देश कर्कश देश देशा शीता देशा गुरु देश लघु होय | देशा लुक्खा पेख ॥ लघु मान । ५४०. देश कर्कश देश मृदु देश शीत देशा उष्णा ५४१. देश कर्कश देश मृदु जान, देश शोत देशा उष्णा जोय, देश ५४२. देश कर्कश देश मृदु जान, देश गुरु देश देश शीत देशा उष्णा जेह, देशा निद्धा देश लुक्ख तेह || ५४३. देश कर्कश देश मृदु जान, देश गुरु देश लघु मान । देश शीत देशा उष्णा न्हाल, देशा निद्धा देशा लुक्खा भाल ।। ५४४. देश कर्कश देश मृदु जान, देश गुरु देश लघु मान । देशा शीता देश उष्ण हंत, देश निद्ध देश लुस्ख मंत ॥ ५४५. देश कर्कश देश मृदु जान, देश गुरु देश लघ मान । देशा शीता देश उष्ण याय, देश निद्ध देशा लुक्खा पाय ॥ ५४६. देश कर्कश देश मृदु जान, देश गुरु देश लघु मान । देशा शीता देश उष्ण ताम, देशा निद्धा देश लुक्ख पाम ।। ५४७. देश कर्कश देश मृदु जान, देश गुरु देश लघु मान । देशा शीता देश उष्ण जात, गुरु देश लघु मान । निद्धा देश लुक्ख बंग | देश गरु देश लघु मान । ५४८. देश कर्कश देश मृदु देशा निद्धा देशा लुक्खा जान, देश गुरु देश लघु देशा शीता देशा उष्णा हुंत, देश निद्ध देश लुक्ख ५४९. देश कर्कश देश मृदु जान, देश गुरु देश लघु देशा शीता देशा उष्णा जोय, देशा निद्धा देशा लुक्खा भाल || जान, देश गुरु देश लघु मान । देख देश निद्ध देश लुक्ख देख || देश गुरु देश लघु मान । निद्ध देशा लुक्खा होय ।। 3 ५५१. देश कर्कश देश मृदु देशा शीता देशा Jain Education International ख्यात ॥ मान । । मंत ।। मान । देश निद्ध देशा लुक्ला होय ॥ मृदु जान, देश गुरु देश लघु मान । उष्णा लहिये, देशा निद्धा देश लुस्ख कहिये ॥ जान, देश गुरु देश लघु मान । उष्णा सोय, देशा निद्धा देशा लुक्खा होय ॥ वा०-- एवं सोलै भांगां में पहिला आठ भांगा शीत एक वचन करिकै कह्या । अनैं छेहला आठ भांगा शीत बहु वचन करिकै कह्या । तिण में पहिली चभंगी लुक्ख एक वचन बहुवचन करिकै बे भांगा अनैं निद्ध बहु वचन करिकै भांगा इम प्रथम चउभंगी । अने बीजी चउभंगी उष्ण बहुवचन करिकै कही। अन तीजी चउभंगी शीत बहु वचन करिकै कही । अनं चउथी चउभंगी शीतोष्ण बहुवचने करी कही एवं १६ भांगा। २२२ भगवती जोड़ ५४०. देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसे लक्खे ४, ५४४. देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसे लहुए देसा सीया देसे उसिने देसे निद्धे देसे लक्खे ४, ५४८. देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसे लहुए देसा सीमा देसा उसिणा देते निद्धे देते ४ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003621
Book TitleBhagavati Jod 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages422
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size21 MB
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