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________________ ४९९. सव्वे कक्खडे देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसा निद्धा देसा लुक्खा ४, ५००. सव्वे कक्खडे देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसे लुक्खे ४, ५०४. सव्वे कक्खडे देसे गरुए देसे लहुए देसा सीया देसे उसिणे देसे निद्ध देसे लुक्खे ४, ४९८. तीजे भांगे कर्कश सहु तास, देश गुरु देश लघु जास । देश शीत देश उष्ण थाय, देशा निद्धा देश लुक्ख पाय ।। ४९९. चौथे भांगे कर्कश सह चंग, देश गुरु देश लघु अंग । देश शीत देश उष्ण तेह, देशा निद्धा देशा लक्खा जेह ।। ५००. पंचम भांगे कर्कश सहु पाम, देश गुरु देश लघु ताम । देश शीत देशा उष्णा जान, देश निद्ध देश लुक्ख मान ।। ५०१. षष्ठम भांगे कर्कश सह होय, देश गुरु देश लघु जोय । देश शीत देशा उष्णा वक्षा, देश निद्ध अनैं देशा लक्षा। ५०२. सप्तम भांगे कर्कश सह होय, देश गुरु देश लघु जोय । देश शीत देशा उष्णा चंग, देशा निद्धा देश लक्ख अंग ।। ५०३. अष्टम भांगे कर्कश सहु आम, देश गुरु देश लघु धाम । देश शीत देशा उष्णा हंत, देशा निद्धा देशा लुक्खा मंत ।। ५०४. नवमें भांगे कर्कश सहु न्हाल, देश गुरु देश लघु भाल । देशा शीता देश उष्ण सोय, देश निद्ध देश लुक्ख जोय ।। ५०५. दशमें भांगे कर्कश सह दाख्यं, देश गुरु देश लघु भाख्यं । देशा शीता देश उष्ण जेह, देश निद्ध देशा लुक्खा लेह ।। ५०६. ग्यारम भांगे कर्कश सहु गहिये, देश गुरु देश लघु लहिये। देशाशीता देश उष्ण जाणी, देशा निद्वा देश लक्ख माणी।। ५०७. बारम भांगे कर्कश सह कहिये, देश गुरु देश लघु लहिये। देशा शीता देश उष्ण एह, देशा निद्धा देशा लुक्खा जेह ।। ५०८. तेरम भांगे कर्कश सहु तास, देश गुरु देश लघु जास । देशा शीता देशा उष्णा जान, देश निद्ध देश लुक्ख मान ।। ५०९. चवदमें सहु कर्कश चंग, देश गुरु देश लघु अंग । देशा शीता देशा उष्णा होय, देश निद्ध देशालक्खा जोय ।। ५१०. पनरमें सहु कर्कश पेख, देश गुरु देश लघु देख । देशा शीता देशा उष्णा जान, देशा निद्धा देश लुक्ख मान ।। ५११. सोलमें सह कर्कश सोय, देश गुरु देश लघु होय । देशा शीता देशा उष्णा जेह, देशा निद्धा देशा लुक्खा तेह ।। सर्व कर्कश देश गुरु लघु शीत उष्ण एक वचने करि प्रथम | चउभंगी कहै छैस.क. दे.गु. दे.ल. दे शी. दे.उ. दे.नि. दे.लु. ५०८. सव्वे कक्खडे देसे गरुए देसे लहुए देसा सीया देसा उसिणा देसे निद्धे देसे लुक्खे ४, सर्व कर्कश देश गुरु लघु एक वचन करिक तृतीय चउभंगी our mmm m सर्व कर्कश देश गुरु लघु एक वचने करिके चतुर्थ चउभंगी-- सर्व कर्कश देश गुरु लघु शीत एकवचन करिके द्वितीय चउभंगी الله اس له س الله سه له ३१६ भगवती जोड़ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003621
Book TitleBhagavati Jod 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages422
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size21 MB
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