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स.मृ.
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हि सर्व मृदु सर्व लुक्ख संघाते ४ चउमंगी करि १६ भांगा
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(४) स.मु. १ स
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स.लु. दे.बु.
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हिवं तुर्य द्विकसंयोगे ६४ भांगा कहै छँ । तिहां प्रथम सर्व गुरु सर्व शीत संघाते ४ चउमंगी करि १६ भांगा
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स. शी. दे.क. दे.मू. दे.नि.
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स.शी. दे.क. दे. मृ. दे.नि. दे..
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हिवं सर्व गुरु सर्व उष्ण संघाते ४ चउमंगी करि १६ भांगा
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हिवं सर्व लघु सर्व शीत संघाते ४ चउमंगी करि १६ भांगा
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स. शी. दे.क. दे.मू. दे.नि. दे.लु.
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