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हिव सर्व उष्ण सर्व लुक्ख संघाते १६ भांगा कहै छ४९२. सर्व उष्ण सर्व लक्ख जान, देश कर्कश देश मदु मान ।
देश गुरु देश लघु चंग, इक बहु वचने करि सोलै भंग ।।
ए सर्व उष्ण सर्व लुक्ख संघाते १६ भांगा में सोलमो भांगो पाठ में कह्यो, ते कहै छै४९३. सर्व उष्ण सर्व लुक्ख जान, देशा कक्खडा देशा मउया मान।
देशा गुरुया देशा लहुया चंग, छठा पद नों चउसठमों भंग ।।
ए सर्व शीत सर्व निद्ध संघाते १६ भांगा। सर्व शीत सर्व लुक्ख संघाते १६ भागा। सर्व उष्ण सर्व निद्ध संघाते १६ भांगा। सर्व उष्ण सर्व लुक्ख संघाते १६ भांगा। इम द्विकसंयोगे छठा पद नां ६४ भांगा कह्या, एवं ३८४ भांगा हुवै। ४९४. षट फर्श विषे सहु एह,
षट पद करिके जे कहेह। इक-इक पद मांहि विमासी,
चउसठ-चउसठ इम तीनसो चउरासी ।। अनंत प्रदेशिक खंध में छह फर्श पावै, तेहनी ९६ चउभंगी हुदै, ते कहै
४९४. सव्वे एते छप्फासे तिणि चउरासीया भंगसया
भवंति।
हिवै प्रथम द्विकसंयोगे ६४ भांगा हुवै तिणमें सर्व कर्कश सर्व ।। गुरु संवाते ४ चउभंगी करि १६ भांगा--
स.क. स.गु. दे.शी. दे.उ. दे.नि. दे.ल. १ सर्व सर्व १ १ १ १ २ सर्व सर्व १ १ १ ३ ३ सर्व सर्व ११३१ ४ सर्व सर्व १ १ ३ ३ । ए प्रथम चउभंगी नां च्यार भांगा कह्या ।
हिवै सर्व मृदु सर्व गुरु संघाते ४ चउभंगी करि १६ भांगा
९-१२ स.मु. स. गु. दे.शी. दे.उ. दे.नि. दे.ल. ९ सर्व सर्व १ १ १ १ १० सर्व सर्व १ ३ १ १ ११ सर्व सर्व ३ १ १ १ १२ सर्व सवं ३ ३ १ १ हिवं सर्व मृदु सर्व लघु संघाते ४ चउभंगी करि १६ भांगा
इम आगल पिण विचार लेवा। पिण शेष ९५ चउभंगी नों प्रथम-प्रथम भांगो कहै छै
२ सर्व सर्व १ ३ १ १ ३ सर्व सर्व ३१११ ४ सर्व सर्व ३ ३ १ १ सर्व कर्कश सर्व गुरु संघाते ४ चउभंगी नां १६ भांगा कह्या ।
हिवै सर्व कर्कश सर्व लघ संघाते ४ चउभंगी करि १६ भांगा
स.म. स.ल. दे.शी. दे.उ. दे.नि. दे.ल. १३ सर्व सर्व १ १ १ १ १४ सर्व सर्व १ ३ १ १ १५ सर्व सर्व ३ १ १ १ १६ सर्व सर्व ३ ३ १ १ हिवं द्वितीय द्विकसंयोगे ६४ भांगा कहै छ। तिहां प्रथम सर्व कर्कश सर्व शीत संघाते ४ चउभंगी करि १६ भांगा
१७-२० स.क. स.शी. दे.गु. दे.ल. दे.नि. दे.लु. १७ सर्व सर्व १ १ १ १ १८ सर्व सर्व १ ३ १ १ १९ सर्व सर्व ३ १ १ १ २० सर्व
सर्व ३ ३ १ १
सर्व क. ५ सर्व ६ सर्व ७ सर्व ८ सर्व
सर्व ल.
सर्व सर्व सर्व सर्व
दे.शी. दे.उ. दे.नि. दे.लु.
१ १ १ १ १ ३ १ १ ३ १ १ १ ३ ३ १ १
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३०६ भगवती-जोड़
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