SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 304
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३०८. रस नां वर्ण नीं परं पुणवा, भंग दोयसी षोडश भगवा फर्म नां भंग छत्तीस जान, ३०९. सप्त प्रदेशिक नां जेह, च्यारसौ ने चीमोतर सर्व चिरं प्रदेशिक जिम मान ॥ वर्णादिक नां भंग एह । गुणजो मन टाली गर्व ॥ हिव सात प्रदेशिक खंधे वर्णादिक नां ४७४ भांगा नों यंत्र२१६ सात प्रदेशिक खंधे वर्ण नां २१६ भांगा ५ एक संयोगे भांगा ५ पूर्ववत ४० द्विक्संयोगे भांगा ४० पूर्ववत ८० त्रिसंयोगे भांगा ८० पूर्ववत ७५ चतुष्कसंयोगे मांगा ७५ ते क १ कालए १ नीलए १ लोहियए १ हालिद्दए १९ २ काल १ नीलए १ लोहिया १ हालिगा ३ कालए १ नीलए १ लोहियगा ३ हालिए १ ४ कालए १ नीलए १ लोहियगा ३ हालिगा ३ ए कृष्ण नील एक वचन संघाते ४ भांगा कह्या । हिवै कृष्ण एक वचन नील बहु वचन संघाते ४ भांगा कहे छे ५ कालए १ नीलगा ३ लोहियए १ हालिद्दए १ ६ कालए १ नीलगा ३ लोहियए १ हालिगा ३ ७ काल १ लगा लोहिया हातिए १ ८ काल १ नीलगा ३ लोहियगा ३ हालिगा ३ ए कृष्ण एक वचन नील बहु वचन संघाते ४ भांगा कह्या । हिवै कृष्ण बहु वचन नील एक वचन संघाते ४ भांगा कहै - ९. कालगा ३ मीलए लोहियए हालिए १० कालगा ३ नीलए १ लोहियए १ हालिमा ३ ११कालना १ मा हालिए १ १२ कालगा ३ नीलए १ लोहियगा ३ हालिगा ३ एक कृष्ण बहु वचन नील एक वचन संघाते ४ भांगा का । हिवं कृष्ण नील बहु वचन संघाते भांगा ३ कहै - १३ कालगा ३ नीलगा ३ लोहियए १ हालिदए १ १४ कालगा ३ नीलगा ३ लोहियए १ हालिगा ३ १५ कालगा ३ नीलगा ३ लोहिया ३ हालिए १ इम कृष्ण नील लाल पील संघाते एक वचन बहुवचन करिकै १५ भांगा कह्या । ३० हिव कृष्ण नील लाल सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिकै १५ भांगा करिया । ४५. इम कृष्ण नील पील सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिकै १५ भांगा करिया । ६० इम कृष्ण लाल पील सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिकै १५ भांगा करिया । ७५ इम नील लाल पील सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिकै १५ भांगा करिया । २८६ भगवती जोड़ Jain Education International ३०८. रसा जहा एयस्स चेव वण्णा । उप्पएसिस्स । For Private & Personal Use Only फासा जहा (श० २०1३२) www.jainelibrary.org
SR No.003621
Book TitleBhagavati Jod 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages422
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy